पंजाब: आगामी पंचायती चुनावों को लेकर सरकार द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने का दावा शायद उस समय खोखला साबित होता नजर आया जब सरकार की कथित धक्के शाही कारण डेराबस्सी ब्लॉक के कई गांवों के उम्मीदवारों के नामांकन खारिज होने से सभी विपक्षी दलों के नेता सडक़ों पर उतर आए। जहां अकाली दल के पूर्व विधायक एनके शर्मा ने बिना कारण उनके उम्मीदवार, भाजपा नेता एसएमएस संधू ने भी सरकार की कारगुजारी पर सवाल उठाए। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की धक्के शाही कारण नाराज कांग्रेसियों ने आज बीडीपीओ कार्यालय डेराबस्सी के सामने सडक़ जाम कर रोष प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन में पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता दीपिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि बड़े पैमाने पर आम आदमी पार्टी के विधायक ने नौकरशाही पर कथित दबाव डालकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस गुंडागर्दी को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। दीपिंदर ढिल्लों ने आरोप लगाते कहा कि नामांकन भरने आए उम्मीदवारों के कागजात फाड़ दिए गए हैं और कागजात बिना किसी कारण के खारिज किए जा रहे हैं। उन्हें डरा-धमका कर चुनाव लडऩे से रोका जा रहा है।
यह लोकतंत्र की हत्या है। ढिल्लों ने चुनाव आयोग से मांग की कि या तो लोकतंत्र को कमजोर करने वाली चुनाव प्रक्रिया को रद्द किया जाए या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द करने के कारण पूछने पर डेराबस्सी ब्लॉक के रिटर्निंग ऑफिसर अशोक पथरिया ने बताया कि ब्लॉक डेराबस्सी में नामांकन पत्र भरते समय कई गलतियां की हुई है। पेपर जल्दबाजी से भरे गए लगते हैं। कई जगह उम्मीदवारों ने हस्ताक्षर नहीं किए, कई उम्मीदवारों ने साथ में जरूरी डॉक्यूमेंट नहीं लगाए गए। उन्होंने कहा कि चुनाव कमीशन की हिदायत के अनुसार ही यह नामांकन पत्र रद्द किए गए।
रिटर्निंग अफसर ने कहा कि जिन लोगों ने नाजायज सरकारी कब्जे किए हुए हैं उन पर भी कार्रवाई की गई है। उन्होंने सरकारी धक्के शाही के आरोपों को निराधार बताया है।
+ There are no comments
Add yours