बिल्डरों की मनमानी पर शिकंजा, फोरम ने पचास प्रतिशत मेंटेनेंस चार्ज किया कम, ओमेक्स पर 1 लाख रुपए का जुर्माना, वेव एस्टेट के लोग भी जलभराव और कई अन्य दिक्कतों को लेकर रख चुकें है बात…

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बिल्डरों की मनमानी पर शिकंजा, फोरम ने पचास प्रतिशत मेंटेनेंस चार्ज किया कम, ओमेक्स पर 1 लाख रुपए का जुर्माना, वेव एस्टेट के लोग भी जलभराव और कई अन्य दिक्कतों को लेकर रख चुकें है बात…

चंडीगढ़, सुरेंद्र राणा: चंडीगढ़ के पॉश इलाके में बिल्डर पहले तो। लोगों से बड़ी बड़ी सुविधाओं की बात करते हैं लेकिन बाद में इन सुविधाओं के नाम पर मेंटेनेंस के नाम पर हजारों रुपए चार्ज करते हैं।

ऐसा ही मामला ओमेक्स कासिया में सामने आया है वहां रहने वाले रेजिडेंट्स अपने बिल्डर द्वारा पूरा मेंटेनेंस चार्ज लेने को लेकर विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि जब तक कंपनी एग्रीमेंट के मुताबिक पूरी तरह से सुविधाएं मुहैया नहीं करवाती तब तक मेंटेनेंस चार्ज नहीं लिए जाए। लेकिन कंपनी ने ऐसा करने से मना कर दिया था।

इसके बाद ओमेक्स कासिया रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, न्यू चंडीगढ़ के सदस्यों ने ओमेक्स चंडीगढ़ एक्सटेंशन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, न्यू चंडीगढ़ द्वारा अपनाई गई अनुचित व्यापार पद्धति के खिलाफ फोरम का रुख किया था। जहां अपने आदेश में फोरम ने निर्देश दिया है कि एसोसिएशन के सदस्य और बिल्डर मासिक रखरखाव शुल्क के लिए 50:50 प्रतिशत शेयर वहन करेंगे।

जब तक कि क्लब हाउस, बिजली बैकअप, सुरक्षा, बाउंड्री आदि जैसी अधिकांश सुविधाएं निवासियों को प्रदान नहीं की जाती हैं, जिसके लिए बिल्डर ने भारी मात्रा में शुल्क लिया है। फोरम ने बिल्डर को शिकायतकर्ता को 1,00,000/- रुपये का भुगतान करने के लिए दंडित भी किया है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके शर्मा ने बताया कि यह आदेश 4 साल के लंबे संघर्ष के बाद आया है।

जब तक सुविधाएं नहीं दी जाती है, बिल्डर को पूरा रखरखाव शुल्क लेने का अधिकार नहीं है। उनका कहना है कि निवासी सुविधाएं मिलने पर पूरा रखरखाव शुल्क देने को तैयार हैं। इस अवसर पर सतीक्षण सूद, सक्षम अरोड़ा, प्रगुन जसूजा और धीरज चावला ने फोरम के फैसले पर संतुष्टि दिखाई और कहा कि मनमर्जी करने वाले बिल्डरों को इससे सबक मिलेगा कि कानून अपना काम करता है, अंतत न्याय जरूर मिलता है।

इसी तरह पंजाब, चंडीगढ़ जीरकपुर, में बिल्डर मकान बना रहे हैं।वह बिना बताए ही मेंटेनेंस चार्ज बढ़ा देते हैं परंतु सड़कों का बहुत बुरा हाल है। सुविधाओं के नाम पर कुछ नही है। यही हाल मोहाली के वेव एस्टेट का भी है यहां पर सड़कों की हालत खस्ता हैं। बरसात हो या कोई अन्य मोसम बारिश से सड़के तालाब बन जाती है और लोगों के घरों में भी पानी घूस जाता है। इसके अलावा सड़के टूटी हुई है बावजूद इसके।मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाए गए हैं। यहां के रेजिडेंट भी कई बार एसोसिएशन के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं।
ऐसे में ओमेक्स कासिया में फोरम के फैसले के बाद मोहाली के वेव एस्टेट के रेजिडेंट भी वेलफेयर एसोसिएशन के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं।

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