सेंट्रल सर्विसेस रूल्स लागू होने पर कान्ट्रैक्ट कर्मियों की नौकरी पर संकट

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शिमला, सुरेंद्र राणा: चंडीगढ़ प्रशासन में सेंट्रल सर्विसेस रूल्स लागू होने के बाद से ही कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है। हाल ही में मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स के पास प्रशासन के विभिन्न विभागों में 20 से 30 वर्षों से कार्यरत कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी किए जाने का मुद्दा भी पहुंच गया है। ऑल कॉन्टरैक्चुअल कर्मचारी संघ भारत के बैनर तले नौकरी की सुरक्षा के मुद्दे पर सैकड़ों कान्ट्रैक्ट गैसट टीचर्स व अन्य कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों द्वारा मस्जिद ग्राउंड में भूख हड़ताल व रोष प्रदर्शन किया गया। चंडीगढ़ के विभिन्न शिक्षण व कर्मचारी संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने इसमें सहयोग व संबोधित किया। चार मार्च को प्रशासन ने कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों की पॉलिसी में कोई नौकरी की सुरक्षा नहीं दी थी। कान्ट्रैक्ट कर्मचारी लंबे समय से स्थायी करने की मांग उठा रहे हैं। मामले में प्रशासन ने केंद्र सरकार को भेजे गए जवाब में बताया कि कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मामले में गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए, वेशक कर्मचारियों की सभी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें कुछ राहत जरूरत मिलनी चाहिए।

केंद्र सरकार के इस फैसले से कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए राहत की बात तो है, लेकिन भविष्य में यूटी प्रशासन ने रिक्त पदों पर स्थायी भर्ती के बाद कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। भविष्य में चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से स्थायी भर्ती के बाद कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा बढ़ रहा है तथा कान्ट्रैक्ट कर्मचारी नौकरी की सुरक्षा न होने से चिंतित हैं। यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार के निर्देश के बाद अब कान्ट्रैक्ट पदों पर भर्ती पूरी तरह से बंद कर दी है। यूटी प्रशासन ने छह महीने में 4500 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का टारगेट है। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन के रिक्त पदों को केंद्र सरकार की ओर से रद्द कर दिया जाएगा और इन पदों पर स्थायी नियुक्ति की जा सकती है। पिछले 20 से 25 वर्षों से किसी केंद्रीय सुरक्षित नीति के अभाव में चंडीगढ़ के विभिन्न विभागों में कान्ट्रैक्ट कर्मचारी प्रशासन में सेवाएं दे रहे है।

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