शिमला, सुरेंद्र राणा: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस की सरकार, भ्रष्टाचार, व्यभिचार और बलात्कार करने वालों की आका बन चुकी हैं। कांग्रेस जहां भी जाती है, वहाँ लूट और कंगाली ले आती है। इसको हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रमाणित करने का काम किया है।
बीते दिन हिमाचल प्रदेश की मुख्यमंत्री ने राज्य के आर्थिक दिवालिएपन का इजहार किया है। राहुल गांधी कहा करते थे कि लोगों के खाते में खटाखट पैसे आएंगे। खटाखट पैसे तो नहीं आए, मगर फटाफट दिवाला जरूर पिट गया। देश के 9 पहाड़ी राज्यों में, सबसे ज्यादा आर्थिक बदहाली की स्थिति में हिमाचल प्रदेश ही है। आज हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा सबसे अधिक प्रति व्यक्ति कर्ज वाला राज्य बन गया है। हिमाचल प्रदेश पर इस समय 87 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और अगले वित्त वर्ष से पहले यह कर्ज का आंकड़ा 1 लाख रुपए को पार कर जाएगा। हिमाचल प्रदेश का सालाना बजट 58 हजार 444 करोड़ रुपए का है, जिसमें से वेतन, पेंशन और कर्ज चुकाने में प्रतिवर्ष 42 हजार 79 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बात करके चुनाव तो जीत लिया, मगर कांग्रेस सरकार आजतक इसे अच्छे से हिमाचल से लागू करने की हिम्मत नहीं कर पाई। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और जो राज्य चाहे उनके लिए यूपीएस को लागू कर दी है, लेकिन ओपीएस को लागू किए बिना ही कांग्रेस का दिवाला पिट गया।
शराब के ठेकेदारों पर सरकार मेहरबान क्यों? : सुरेश कश्यप ने कहा की हिमाचल में भ्रष्टाचार का बोल बाला है जिस प्रकार से हिमाचल की एक्साइज पॉलिसी में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है उससे कई प्रश्न सरकार पर उठते है।
जनता जानना चाहती है की पिछले वर्ष के जो पैसे शराब के ठेकेदारों ने जमा करवाने थे वह पूरी तरह से अभी तक जमा क्यों नहीं हुए ? इस वर्ष भी हिमाचल में कई ठेकेदारों ने केवल जुलाई तक के पैसे सरकार के खाते में जमा करवाए है, बाकी पैसे अभी तक जमा क्यों नहीं हुए ? शराब के ठेकेदारों पर सरकार इतनी मेहरबान क्यों है ?
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