इस मौके पर उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह लोग अपने परिवारों तक सीमित हो गए हैं। वहीं, प्रताप सिंह बाजवा का नाम लिए बिना ही उन पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने शपथ लेने के लिए अचकने सिलवा रखी हैं, लेकिन पहनने के लिए वह समय आता ही नहीं है, क्योंकि इन्होंने लोगों के बारे में कभी नहीं सोचा।
उन्होंने कहा कि वह आज आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के लिए दिल्ली जा रहे हैं। सीएम ने कहा कि पहले खुशियों वाले समारोह पंजाब में होना ही बंद हो गए थे। नौकरियों देने वाले समागम होते हुए कभी सुने थे, वह अपने परिवारों तक सीमित हो गए थे। उन्होंने कहा कि हम दिन रात पंजाब की सेवा में लगे हुए हैं। कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ रहे हैं कि पंजाब का फायदा न हो या पंजाब के हकों की लड़ाई हम न लड़े। चाहे सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े अपने हक लेकर रहेंगे।
हम भीख नहीं मांगते, अपने हक मांगते है। उन्होंने लोगों को कहा कि आपका यहां आना इस बात का सबूत है कि आप विकास या सरकार की नीतियों को पसंद करते हो। सीएम ने कहा कि गुरदासपुर इलाके के लोग फौज में काफी है। पहले की सरकारें शहीदों का अपमान करती थी। शहीदों का मजाक करती थी। यह लोग शहीद की पत्नी को सिलाई मशीन देते थे। जबकि जब से दिल्ली और पंजाब में आप की सरकार बनी है। तब से हमारी सरकार एक करोड़ रुपए की राशि शहीद के परिवार को देती हैं।
यह राशि शहीद के भोग से पहले उसके घर पर पहुंचाई जाती है, यह मान सम्मान की राशि है। यह हमारा फर्ज है, उसकी शहादत का मूल्य नहीं है। इससे पहले किसी ने कभी इस बारे में नहीं सोचा। दीनानगर, कादियां, फतेहगढ़ चूडियां, डेरा बाबा नानक, पठानकोट, सुजानपुर और भोहा के लोग अपने आपको पिछड़े हुए कहते हैं। कारण यह है कि आप लोगों ने जो नेता चुने थे, उन्होंने अपने घर भर लिए हैं।
उन्होंने आम लोगों के घरों के बारे में नहीं सोचा, अपने घर वह दो से तीन साइड से भरते हैं। अगर वह नीचे आए जाए तो उसकी पार्टी बदल जाएगी, अगर वह ऊपर चले जाए, तो उसकी पार्टी बदल जाएगी। लेकिन दोनों रखे हुए, जो भी आएगा हम अपना अपना करते रहेंगे। फर्क इतना है कि हम आपके जैसे है, वह सालों से सोचते आ रहे है कि हम यह बनेंगे, कई अचकने सिलवा चुके है, लेकिन वह दिन नहीं आए।
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