दिल्ली: लंबित विधेयकों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केरल और पश्चिम बंगाल के राज्यपालों को नोटिस जारी किया है। दोनों राज्यों की सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राज्यपालों की मंजूरी न मिलने की वजह से आठ से ज्यादा विधेयक पिछले एक साल से लटके हैं। राज्यपाल बिलों को मंजूरी न देने की कोई वजह भी नहीं बता रहे हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय के साथ ही दोनों राज्यपालों को नोटिस जारी किया है और तीन हफ्त में जवाब देने को कहा है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बैंच मामले की सुनवाई कर रही थी। केरल सरकार की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल पेश हुए थे।
पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी और जयदीप गुप्ता ने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि जब भी सुप्रीम कोर्ट में मामले को लिस्ट किया गया, राज्यपाल ने विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया। बता दें कि बीते साल नवंबर में इसी तरह की याचिका पंजाब और तमिलनाडु की सरकार ने भी फाइल की थी।
दोनों ही सरकारों ने राज्यपालों पर बिल लटकाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने सख्त टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल इस तथ्य का ध्यान रखें कि उन्हें जनता ने नहीं चुना है। ऐसे में जनहित के लिए लाए गए विधेयक में देरी करना उचित नहीं है।
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