पेरिस ओलंपिक के आयोजन से जुड़े प्रमुख लोगों ने लगभग एक साल पहले आत्मविश्वास के साथ कहा था कि इन खेलों के दौरान फ्रांस की राजधानी ‘दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह’ होगी, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं और सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए पुलिस के साथ सेना और कृत्रिम मेधा (एआई) की मदद ली जा रही है।
पेरिस में पुलिस दल सडक़ों पर गश्त कर रहे हैं, आसमान में लड़ाकू जेट विमान उड़ रहे हैं और सेना की टुकड़ी को इस तरह से तैयार किया गया कि वे आपात स्थिति में किसी भी खेल स्थल या खेल गांव में आधे घंटे में पहुंच जाए।
उद्घाटन समारोह की मेजबानी करने वाले सीन नदी के किनारों को पहले खुला रखने की योजना थी, लेकिन अब दोनों किनारों पर सुरक्षा अवरोध लगाए जा रहे हैं। यूके्रन तथा गाजा में चल रहे युद्ध और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय तनाव के बीच फ्रांस के सामने 26 जुलाई से 11 अगस्त तक दुनिया भर के लगभग 10,500 खिलाडिय़ों के साथ लाखों की संख्या में यहां आने वाले प्रशंसकों की सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
इन खेलों पर साइबर हमलों का भी खतरा है। पेरिस खेलों के लिए 45,000 पुलिस के साथ लगभग 10,000 सेना के जवानों को तैनात किया गया है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पेरिस में सबसे बड़ा सैन्य शिविर है।