चंडीगढ़, ब्यूरो: चंडीगढ़ फार्मा कंपनी के एमडी से करोड़ों की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में सीबीआई ने 9 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर पंचकूला सेक्टर-9 निवासी विनय अग्रवाल समेत अन्य को नामजद किया था लेकिन अब विनय अग्रवाल का कहना है कि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे दे दिया था, बावजूद इसके सीबीआई ने केस दर्ज किया जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। इस कार्रवाई के खिलाफ वह अवमानना याचिका भी दायर करेंगे।
वर्ष 2022 में पंचकूला सेक्टर-20 थाने में फार्मा कंपनी के एमडी जगबीर सिंह की शिकायत पर विनय अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था
बाद में मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था। विनय अग्रवाल ने बताया कि जगबीर सिंह पहले उनके बिजनेस पार्टनर थे। ऐसे में दोनों के बीच पैसों का लेन-देन होता था। विनय के मुताबिक, पार्टनरशिप के दौरान दिए पैसे मांगने पर जगबीर से झूठे आरोपों का खेल खेलना शुरू कर दिया और साजिश के तहत हिमाचल पुलिस की सीआईडी के जरिए उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करवा दिया। अब उनके खिलाफ हाईकोर्ट के जरिए सीबीआई में 1.49 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है।
विनय अग्रवाल के मुताबिक, बीते 27 मई को हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच करने का आदेश दिया था। उन्होंने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 313 पेज की याचिका दायर की थी, जिस पर 27 जून को स्टे हो गया था। साथ ही हरियाणा सरकार सहित जगबीर सिंह व सीबीआई को नोटिस जारी कर दिया था, मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी।
विनय अग्रवाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में दर्ज केस में भी उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला, जिस पर हिमाचल हाईकोर्ट ने भी उन्हें जमानत दे दी थी। बताया कि खुद जगबीर के खिलाफ पंचकूला सेक्टर-20 थाने में ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी वर्ष 2016 में एक धोखाधड़ी का मामला दर्ज है इसलिए वह खुद को बचाने के लिए अपने बिजनेस पार्टनरों पर ही झूठे केस दर्ज करवाते हैं।
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