पंजाब, सुरेन्द्र राणा;डेराबस्सी विधानसभा क्षेत्र में घग्गर नदी पर बने कॉज-वे पर भारी वाहनों को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कई बार लोहे के ओवरहेड का निर्माण किया गया है। रात के अंधेरे में खनन खदानों और रेत-बजरी के काम में लगे टिप्परों द्वारा इसे कई बार तोड़ा गया। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात टिप्पर चालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इसके बावजूद, सरकार में प्रभाव रखने वाले माफिया राजा ने इसे फिर से तोड़ दिया। इसके बाद प्रशासन ने इसकी दोबारा मरम्मत कराई और यहां सीमेंट के बैरिकेड्स लगाकर बड़े वाहनों का निकलना बंद कर दिया।
इसके कारण खनन रियायतें बहुत परेशानी भरी थीं। जिन्होंने प्रशासन के इस काम से नाता तोड़ लिया और कंैटर को छोटे-छोटे टिप्परों में तबदील कर बाहर निकाला। अब खनन माफियों ने कंैटर को हटाकर छोटे-छोटे टिप्पर बना दिए। इस तरह ये टिप्पर घग्गर नदी पर बने कॉज-वे से आसानी से निकल सकेंगे। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कंैटर को छोटे टिप्पर में बदलने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
घग्गर नदी पर बना कॉज-वे हो सकता है क्षतिग्रस्त
इन छोटे टिप्परों के कारण घग्गर नदी पर बना कॉज-वे क्षतिग्रस्त हो सकता है। क्योंकि पिछले साल इन्हीं दिनों हुई बारिश के कारण घग्गर नदी पर बना कॉज-वे बुरी तरह टूट गया था और कई महीनों तक यहां से ट्रैफिक बंद हो गया था। स्थानीय गांव के लोगों ने कहा कि यदि घग्गर पर चल रहे खनन कार्य में इन छोटे टिप्परों को घग्गर पर बने कॉज-वे से नहीं रोका गया तो निकट भविष्य में इसके गंभीर परिणाम होंगे। इसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और पंजाब सरकार की होगी। इसके कारण उक्त सडक़ पर वाहनों की संख्या बढ़ गई ह। इससे कोई भी भयानक दुर्घटना घट सकती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले भी खनन में लगे टिप्परों की चपेट में आने से बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं अपनी कीमती जान गंवा चुकी हैं।
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