कोर्ट ने सुबह के सत्र में दिए गए निर्देश और दोपहर बाद के सत्र में दिए गए निर्देश एक-दूसरे के विपरीत पाते हुए कहा कि शिक्षा निदेशक ने दोपहर बाद की हिदायत में माना कि कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह अनुपालन नहीं हुआ है।
कोर्ट ने कहा कि शिक्षा विभाग ने अभी तक संशोधित पेंशन का मसौदा भी तैयार नहीं किया है और यह भी नहीं माना है कि प्रार्थी को लीवऐन-केशमेंट का पैसा दे दिया गया है। इन दो अलग-अलग हिदायतों पर स्पष्टीकरण हेतु कोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा को तलब करने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि वास्तव में न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों की जानबूझकर अवज्ञा की गई है। मामले पर सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित की गई है
जमानत याचिकाएं खारिज
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या करने के बाद शव को जलाने के 11 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने आरोपों को गंभीरता और हत्या के तरीके को मद्देनजर रखते हुए आरोपी याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत प्रदान करने से इनकार कर दिया। आरोपों के अनुसार चोरी करने के शक में और मंदिर में आग लगाने को लेकर यह हत्या की गई थी। घटना राजधानी शिमला के बालूगंज थाना क्षेत्र के गलोट पंचायत में हुई थी। प्रार्थी राजीव, ताराचंद, गीताराम, शंकर लाल, राम लाल, राजेश, जगदीश, हरिश, आशीष, हेमंत और विनय पर आरोप है कि इन्होंने एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था और कुछ प्रार्थी शव को जलाते समय मौके पर मौजूद भी थे।
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