Friday, June 28, 2024
Homeदेशआतंकी की आत्मा की शांति को प्रार्थना करना गुनाह नहीं

आतंकी की आत्मा की शांति को प्रार्थना करना गुनाह नहीं

प्रार्थी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर इस प्राथमिकी और इससे उपजी कार्यवाही को निरस्त करने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि यदि याचिकाकर्ता ने आतंकी की मौत के बाद जनता को प्रशासन या अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए उकसाया होता या उसने दूसरों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की होती, तो यह कहा जा सकता था कि उसने आईपीसी की धारा 153 (बी) के तहत अपराध किया है। यदि याचिकाकर्ता द्वारा उसके फेसबुक अकाउंट के माध्यम से दी गई टिप्पणियों को संपूर्ण रूप से पढ़ा जाए, तो उसने उक्त आतंकवादी की खबर सुनने के बाद ही दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की थी। दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते समय उसने समाज के सदस्यों को या विशेष रूप से किसी भी धर्म के सदस्य को घरों से बाहर आकर प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने के लिए नहीं उकसाया था। उसने तो केवल दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना की थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यद्यपि यह कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ता ने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से टिप्पणी करके आतंकवादी के कृत्यों का महिमामंडन करने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा करना को आईपीसी की धारा 153(बी) के तहत कोई अपराध/अपराध नहीं कहा जा सकता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Our Visitor

126898
Views Today : 58
Total views : 440092

ब्रेकिंग न्यूज़