शिमला, सुरेंद्र राणा; शिमला के मॉल रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के दो अधिकारियों द्वारा एक मरे हुए व्यक्ति के निष्क्रिय खाते को सक्रिय कर दो लाख रुपए से अधिक की राशि का हड़पने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि बैंक प्रबंधक (प्रशासन व सेवा) और विशेष सहायक ने आपसी मिलीभगत से एक मृतक व्यक्ति के खाता धारक के निष्क्रिय खाते को सक्रिय कर दो लाख रुपए से अधिक की राशि हड़प ली। मामले का खुलासा तब हुआ, जब बैंक के उद्यम धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन प्रणाली ने लेन-देन पर जांच बिठाई। दरअसल, बैंक के जिस खाता धारक की मृत्यु 1992 में हो गई थी, उसका खाता लंबे समय तक लेने-देन न होने की वजह से निष्क्रिय हो गया था। बीते मार्च महीने में दोनों अधिकारियों ने जालसाजी कर उक्त खाते में जमा दो लाख आठ हजार की राशि निकाल ली। उनकी इस हरकत पर बैंक प्रबंधन भी दंग रह गया। पुलिस ने बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक की तहरीर पर आरोपी बैंक प्रबंधक (प्रशासन व सेवा) योगेश और विशेष सहायक विजय के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर किया है। बैंक प्रबंधन ने दोनों आरोपी बैंक अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। शिमला में धोखाधड़ी की इस घटना ने बैंक के खाता धारकों को भी सकते में डाल दिया है।
जानकारी के अनुसार 11 मार्च, 2024 को बैंक के उद्यम धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन प्रणाली ने बैंक के खाता धारक एसपी मदान के लेनदेन की वास्तविकता की जांच के लिए बैंक शाखा को एक मेल भेजा था। जांच में पाया गया खाता धारक का खाता काफी समय से निष्क्रिय था और उसमें दो लाख से अधिक की राशि जमा थी। बैंक के दो अधिकारियों जिसमें प्रबंधक, प्रशासन व सेवा योगेश और विशेष सहायक विजय ने पहुंच देकर जानबुझकर खाते को सक्रिय किया। आरोपी बैंक अधिकारियों ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर खाते से दो लाख आठ हजार रुपए हड़प लिए।
शाखा प्रबंधन ने पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत
बैंक ऑफ इंडिया के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अंकुश रांगटा ने इस पूरे मामले की शिकायत सदर पुलिस थाना शिमला में दर्ज करवाई है। एसपी शिमला संजीव गांधी का कहना है कि पुलिस ने आरोपी बैंक अधिकारियों के खिलाफ 420, 467, 468, 471 आईपीसी व 120 बी के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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