देश में गेहूं एक साल में आठ फीसदी महंगा हुआ है। पिछले 15 दिन में ही कीमतें सात फीसदी बढ़ चुकी हैं, जो अगले 15 दिन में सात फीसदी और बढ़ सकती हैं। दरअसल, गेहूं के सरकारी भंडारों में हर वक्त तीन महीने का स्टॉक (138 लाख टन) होना चाहिए। मगर इस बार खरीद सत्र शुरू होने से पहले यह सिर्फ 75 लाख टन था। इससे पहले 2007-08 में 58 लाख टन रहा था यानी अभी यह 16 साल के न्यूनतम स्तर पर है। 2023 में यह 84 लाख टन, 2022 में 180 लाख टन और 2021 में 280 लाख टन स्टाक था। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया में गेहूं का सरकारी स्टॉक घटता जा रहा है। हालांकि, सरकार अभी तक कुल 264 लाख टन गेहूं खरीद चुकी है, लेकिन सरकारी लक्ष्य 372 लाख टन का है।
खरीद का समय भी 22 जून तक बढ़ा दिया है, लेकिन खरीद केंद्रों में नगण्य गेहूं ही आ रहा है। ऐसे में ‘मुफ्त अनाज योजना’, बीपीएल की जरूरतें पूरी करने के लिए तत्काल गेहूं का आयात करना पड़ सकता है। भारत ने आखिरी बार आस्ट्रेलिया और यूक्रेन से 2017-18 में 15 लाख टन गेहूं आयात किया था। 2021-22 में कुल 80 लाख टन, 2022-23 में 55 लाख टन और 2023-24 में पांच लाख टन गेहूं का निर्यात किया था।
तीन रुपए महंगा होगा आटा
फ्लोर मिल एसोसिएशन भोपाल के सुनील अग्रवाल का कहना है कि मिल वाले राखी से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले सरकारी स्टॉक की ओपन मार्केट में नीलामी का इंतजार कर रहे हैं। खुले बाजार में गेहूं 2600-2700 रुपए क्विंटल है। ऐसे में 15 दिन में दाम तीन रुपए बढ़ सकते हैं। महंगा गेहूं खरीदकर बना आटा 30-31 रुपए किलो बेचना पड़ेगा। अभी आटा की कीमत 28 रुपए प्रति किलो है।
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