Sunday, June 30, 2024
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देश में 10 साल बाद खिचड़ी सरकार, 291 पर सिमटा एनडीए

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2024 में तमाम एग्जिट पोल की पोल खुल गई और इस बार 400 पार के तमाम दावों के बीच भारतीय जनता पार्टी सिर्फ 239 सीटें जीतकर 2014 और 2019 की तरह स्पष्ट बहुमत माने में असफल रही। हालांकि भाजपा नीत एनडीए 291 सीटें जीतकर सरकार बनाने की स्थिति में है, लेकिन देश दस साल बाद फिर खिचड़ी सरकार में फंस गया है।

एनडीए में शामिल नीतीश कुमार की जदयू 12 सीटें और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 16 सीटें जीतकर सरकार में अहम भूमिका में रहने वाली हैं। इन दोनों पार्टियों का पूर्व में भाजपा के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है और चुनाव से मात्र कुछ दिन पहले ही ये दोनों दल एनडीए में शामिल हुए थे। ऐसे में इन दोनों पार्टियों को खुश रखना तीसरी बार सरकार बनाने जा रहे नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी चुनौती होगी। एनडीए में इसके अलावा ज्यादा सीटें जीतने वाली अन्य पार्टियों में शिवसेना ने सात, एलजेपी ने पांच, एनसीपी ने पांच तथा जेडीएस ने दो पर जीत दर्ज की है। उधर, चुनाव में इस बार इंडिया गठबंधन ने 234 सीटें जीतकर बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है और जदयू और टीडीपी पर उनकी भी नजर है।

इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 100 सीटें मिली हैं, जबकि सपा ने 37, टीएमसी ने 29, डीएमके ने 22, राजद ने चार, शिवसेना उद्धव ने नौ तथा एनसीपी शरद ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है। अगर चुनाव परिणामों की बात करें, तो एनडीए को 291, इंडिया गठबंधन को 234 और अन्य के खाते में 18 सीटें आई हैं। 400 पार का दावा करने वाले एनडीए को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में लगा है, जहां भाजपा उम्मीद से आधी सीटें भी नहीं जीत पाई है।

उत्तर प्रदेश की लखीमपुर खीरी सीट से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी चुनाव हार गए हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय और कौशल किशोर भी चुनाव हार गए हैं। अयोध्या में बड़ा उलटफेर हो गया है। अयोध्या की फैजाबाद सीट से भाजपा के लल्लू सिंह 40 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए हैं। एक समय तो वाराणसी में पीएम मोदी भी पीछे चल रहे थे, हालांकि बाद में उन्होंने बढ़त बना ली और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को 1.50 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। यूपी में मेनका गांधी को भी हार मिली है, जबकि रायबरेली में राहुल गांधी ने तीन लाख 90 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। उन्होंने वायनाड सीट से भी तीन लाख 64 हजार वोटों से जीत हाासिल की। हैरानी की बात है कि कैसरगंज सीट से करणभूषण सिंह ने बाजी मारी है। करणभूषण पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे हैं। बृजभूषण पर पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें टिकट नहीं मिला था।

बंगाल में ममता बनर्जी का जलवा बरकरार रहा और टीएमसी ने 29 सीटें जीतकर तमाम एग्जिट पोल के आंकड़ों को धोकर रख दिया। टीएमसी की आंधी में भाजपा के साथ यहां कांग्रेस को भी झटका लगा और अधीर रंजन चौधरी भी चुनाव हार गए। इसके अलावा मंगलवार को हारने वाले प्रमुख नामों में कांग्रेस के भूपेश बघेल, दिग्विजय सिंह, कन्हैया कुमार, नेशनल कान्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती शामिल रहीं।

जीत दर्ज करने वाले चौंकाने वाले नामों में करणभूषण सिंह के अलावा भीम आर्मी के चंद्रशेखर और पूर्णिया से पप्पू यादव का भी नाम रहा। इसके अलावा पंजाब की खडूर साहिब सीट से खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए भी निर्दलीय जीत दर्ज कर सबको चौंकाया है। पटियाला से कांग्रेस के धर्मवीर गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर को हराया है।

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