शिमला, सुरेंद्र राणा: आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर हर वर्ष अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन इस बारी जंगलों में आग ही आग देखने को मिल रही है जिससे करोड़ों की वन संपदा के राख होने के साथ ही धुएं से पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। शिमला के आसपास के जंगल भी धु धु कर जल रहे हैं। अन्नाडेल केथु के जंगलों में भीषण आग के बाद आज संकटमोचन, टूटीकंडी के जंगल में भीषण आग लगी हुई है। जिससे संकट मोचन और आसपास के लोगों को धुएं के कारण सांस लेने तक की दिक्कत हो गई है।

लोगों का कहना है कि पर्यावरण दिवस तो सरकारें मनाती है लेकिन आग से जंगल जल रहे हैं पर्यावरण दूषित होने के साथ ही हर भरे जंगल समाप्त हो रहे हैं लेकिन सरकार और विभाग इस पर काबू पाने में नाकाम रहा हैं।

प्रदेश में वनों में लगी आग की 1300 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई है जिसमें अब तक ₹4.61 करोड़ की वन संपदा का नुकसान हो चुका है। इसको लेकर शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वनों को आग से बचाने के उपायों की समीक्षा बैठक भी की बैठक के दौरान सीएम सुक्खू ने वनों में आग लगने की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने के साथ दीर्घकालिक उपाय करने के भी निर्देश दिए लेकिन ऐसा कहीं होता नहीं दिख रहा।

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