शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल में प्रचार का शोर गुरुवार शाम को छह बजे थम गया। मतदान से ठीक 36 घंटे पहले प्रदेश में प्रचार पर निकले सभी स्टार प्रचारक या दिल्ली लौट गए हैं या फिर अपने-अपने कार्यालयों में अब मतदान की चर्चा में मशगूल हो गए हैं। हिमाचल में भले ही मुख्य रूप से मुकाबला दो राजनीतिक दलों में होता रहा है, लेकिन इस बार भाग्य आजमाने के लिए दूसरे राजनीतिक दलों ने भी प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।
प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के साथ ही सभी चारों सीटों पर चुनाव लडऩे वाले राजनीतिक दलों में बसपा, राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी और एनसीपी समेत अन्य शामिल हैं। खास बात यह है कि प्रदेश में कांग्रेस पहली मर्तबा इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। आम आदमी पार्टी और माकपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया है, जबकि भाजपा अकेले मैदान में है। इस बार प्रदेश में 57 लाख 11 हजार मतदाता प्रदेश में चार सांसदों का चयन करेंगे, जबकि छह सीटों पर उपचुनाव में भी मतदान शनिवार को ही होना है।
इस बार लोकसभा की चार सीटों के लिए कुल 37 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि विधानसभा उपचुनाव में छह सीटों पर 25 प्रत्याशी अपने भाग्य को आजमा रहे हैं। प्रदेश में सबसे लंबी अवधि तक आदर्श आचार संहिता रही है। अब निर्वाचन विभाग ने धारा 144 को लागू कर दिया है। इसके साथ ही अब आगामी दिनों में चार से ज्यादा लोगों के जुटने पर पाबंदी रहेगी। फिलहाल, लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पोलिंग पार्टियों की रवानगी का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार को दूरदराज के क्षेत्रों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई हैं। चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी मतदान प्रक्रिया को पूरा करवाने के बाद सुरक्षित ईवीएम के साथ वापस लौटेंगे।
हिमाचल प्रदेश के 369 मतदान केंद्र अति संवेदनशील
प्रदेश में 7992 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से 369 अति संवेदनशील मतदान केंद्र की श्रेणी में शामिल हैं। सबसे ज्यादा 118 मतदान केंद्र कांगड़ा में हैं, जबकि सिरमौर में 58, ऊना में 51, सोलन में 45, चंबा में 20, हमीरपुर में 17, बिलासपुर, मंडी और शिमला में 16-16, किन्नौर में सात, कुल्लू में तीन तथा लाहुल-स्पीति में दो मतदान अति संवेदनशील हैं। इनमें सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं।
आठ राज्यों की 57 सीटों के लिए थमा प्रचार
नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए करीब दो महीने तक चला चुनाव प्रचार का सिलसिला गुरुवार शाम छह बजे थम गया। इन चुनावों में सातवें एवं अंतिम चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ सहित 57 संसदीय सीटों के लिए मतदान शनिवार को होगा। इसके साथ ही उसी दिन ओडिशा विधानसभा के चौथे और अंतिम चरण में 42 सीटों के लिए भी मतदान कराया जाएगा।
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