शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के मामले में मंगलवार को दोनों पक्षों की ओर से फिर सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में दोनों जजों के फैसले में मतभेद पर मामला तीसरे जज को रेफर किया था।
तीसरे न्यायाधीश को अब इस मामले में निर्णय लेना है कि क्या हाईकोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का आदेश दे सकता है या नहीं।
इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत कर रही है। मुख्य न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि इस्तीफा स्वीकार करना या न करना विधानसभा अध्यक्ष का संवैधानिक अधिकार है। हाईकोर्ट इस मामले में आदेश जारी नहीं कर सकता। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने अपने फैसले में कहा कि अध्यक्ष निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के मामले में दो सप्ताह के भीतर निर्णय लें। इस मामले में 8 मई को अदालत का फैसला आया था।
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने अदालत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि दोनों जजों के फैसले में कहा गया है कि विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफे के मामले में जांच कर सकता है। यह अध्यक्ष का संवैधानिक अधिकार है। कोर्ट इस मामले में दखलअंदाजी नहीं कर सकता। संविधान के अनुच्छेद 190 (3बी) के तहत विधानसभा अध्यक्ष को शक्तियों दी गई हैं, जिसके तहत वह कार्रवाई कर सकते हैं।
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