ट्रक ऑपरेटर सुरेश, प्रेम, गोपाल, मदन सिंह, संजय, अनूप, ललित देवी चंद, पार्वती, केशव सहित अन्य ऑपरेटरों का कहना है कि छोटी-छोटी गाड़ियों को तो किराया ज्यादा मिल रहा है, जबकि 16 टायर वाले ट्रकों को मालभाड़ा कम करने की बात की जा रही है। इसकी वजह से फिलहाल 11 मई से ऐसे ट्रकों की एंट्री बंद कर दी गई है। बाघल लैंड लूजर ट्रक ऑपरेटर्स का कहना है कि मालभाड़ा कम करने को लेकर परस्पर किसी तरह का एमओयू हस्ताक्षर नहीं हुआ है। कंपनी ने मेल में महंगे ट्रकों का मालभाड़ा ज्यादा होने का उल्लेख किया है। ऑपरेटरों ने एकमत होकर कहा कि मनमानी के आगे नहीं झुकेंगे।
इससे पहले भी कंपनी में मालभाड़े को लेकर करीब 73 दिनों तक विवाद चला था, जिसमें बाद में सरकार ने दोनों पक्षों में सहमति बनाई थी। उधर, बाघल लैंड लूजर परिवहन सभा के प्रधान जगदीश ठाकुर और उपप्रधान ऋषि राज गांधी ने कहा कि सभा ने कंपनी प्रबंधन को पत्र लिखकर कहा है कि निर्धारित किया गया 16 पहिया वाहनों का माल ढुलाई भाड़ा मान्य नहीं है। कंपनी वार्ता करना चाहती है, तो सभा तैयार है।
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