शिमला, सुरेंद्र राणा: विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के बयान पर निर्दलीय विधायकों ने भी पलटवार किया है। हमीरपुर से विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि स्पीकर जो करना चाहें, अब कर लें। मामला हाई कोर्ट में है। ऐसे में स्पीकर के नोटिस का जवाब देना जरूरी नहीं था। वैसे भी सभी आजकल चुनाव में व्यस्त हैं। आशीष शर्मा ने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायक चाहते थे कि लोकसभा चुनाव के साथ उनके चुनाव क्षेत्र में भी उपचुनाव हो जाए। इसीलिए स्पीकर को पहले इस्तीफा देकर अगले दिन भाजपा ज्वाइन की।
इस्तीफे पर फैसला लेना विधानसभा अध्यक्ष का विशेष अधिकार है। लेकिन ऐसा क्यों नहीं हो पाया, यह सब जानते हैं। इसलिए अब स्पीकर चाहे इस्तीफा स्वीकार करें या डिसक्वालिफाई करें, यह उनको तय करना है।
हम कोर्ट से फैसला आने के बाद ही अपना लीगल रास्ता देखेंगे। इससे पहले होशियार सिंह ठाकुर ने भी कहा था कि सरकार चुनाव करवाने से डर रही है, इसीलिए स्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने साफ तौर पर कहा था कि निर्दलीय विधायकों को जब एग्जामिनेशन के लिए बुलाया गया, तो उन्होंने माना है कि इस्तीफा स्वीकार करने से पहले उन्होंने पार्टी ज्वाइन कर ली है।
यह खुद डिसक्वालिफिकेशन को अट्रैक्ट करता है और इसी तरह की एक याचिका मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से उनके पास लंबित है। इसलिए इस याचिका पर फैसला करना होगा। दूसरी तरफ निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे को लेकर हाई कोर्ट में खंडपीठ बंट गई थी और अब तीसरे जज को मामला सुनने के लिए दिया गया है। 28 मई 2024 को अगली सुनवाई की तिथि पड़ी है।
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