शिमला, सुरेंद्र राणा: प्रदेश हाई कोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष आठ मई को दोपहर बाद से इन मामलों पर पुन: सुनवाई शुरू हुई थी। सरकार की ओर से एक ही मुद्दे को लेकर दायर दो अलग अलग याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के दो अलग-अलग वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं।
सतपाल सत्ती व अन्य भाजपा विधायकों द्वारा दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और याचिकाकर्ता कल्पना द्वारा दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक प्रदेश सरकार की ओर से मामले में बहस कर रहे हैं।
इससे पहले भी लगातार तीन दिन बहस के दौरान प्रार्थियों की ओर से अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा गया था और सीपीएस की नियुक्तियों को रद्द करने की गुहार लगाई गई थी। प्रार्थियों की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं, इसलिए इनके द्वारा किया गया कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं, इनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए। इस मामले पर अब राज्य सरकार की ओर बहस जारी है। सरकार का कहना है कि कानून के तहत सीपीएस की नियुक्तियां की गई है और सरकार इस बाबत कानून बनाने की संवैधानिक शक्तियां रखती है।
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