बंगलुरु: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने चंद्रमा के गड्ढों में पानी से बर्फ जमने का दावा किया है। यह स्टडी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (सैक)/इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा आईआईटी कानपुर, दक्षिणी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, जेट प्रोपल्शन लैब और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के रिसर्चर्स की मदद से की गई है। इसरो ने कहा, आईएसपीआरएस जर्नल ऑफ फोटोग्रामेट्री एंड रिमोट सेंसिंग में पब्लिश स्टडी से पता चलता है कि सतह के कुछ मीटर नीचे बर्फ की मात्रा सतह की तुलना में पांच से आठ गुना अधिक है।

इसरो ने बताया है कि इस जानकारी से भविष्य के मिशनों में चंद्रमा पर बर्फ के सैंपल लेने या खुदाई करने और मनुष्यों की लंबे समय तक मौजूदगी के लिए ड्रिलिंग करने में सहायता मिलेगी। बर्फ के गहराई के आधार पर भविष्य में मून मिशन की लैंडिंग के लिए सही स्थान और सही सैंपल कलेक्टिंग प्वाइंट का चयन करने में भी मदद मिलेगी। इसरो ने इस स्टडी के माध्यम से यह भी दावा किया है कि चांद के नॉर्थ पोल में पानी से जमे बर्फ की मात्रा साउथ पोल की तुलना मे दोगुनी है। 2008 में भेजे गए चंद्रयान मिशन के दौरान चंद्रमा की उपसतह पर पानी से जमे बर्फ होने की भविष्यवाणी की गई थी। इसी तरह का दावा चंद्रयान-2 के डुअल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर राडार इंस्ट्रूमेंट के पोलरमैट्रिक राडार डाटा में भी किया गया था।

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