शिमला, सुरेंद्र राणा: तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे को लेकर विधानसभा सचिवालय ने विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसका जवाब देने के लिए आज विधायकों को विधान सभा अध्यक्ष ने बुलाया था जिस पर निर्दलीय विधायक आज विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सामने पेश हुए और विधान सभा अध्यक्ष के सामने अपना जवाब दियाके लिए थोड़ा समय मांगा।
निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि उन्होंने 22 मार्च को अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था। ऐसे में विधानसभा स्पीकर को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लेना चाहिए। निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने बताया कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर की है इस याचिका में यह आग्रह किया गया है कि जल्द से जल्द इनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए। होशियार सिंह ने कहा कि वह यह चाहते हैं कि विधानसभा स्पीकर नियमों के तहत उनका इस्तीफा स्वीकार कर लें और लोकसभा चुनावों के साथ साथ उनके भी चुनाव करवाए जाएं। वहीं केएल ठाकुर और आशीष शर्म ने भी कहा कि विधान सभा जल्द जल्द इस्तीफा स्वीकार करें क्योंकि स्वेच्छा से इस्तीफा दिया गया है ऐसे में इसे लटकाने का कोई मतलब नही बनता है।
विधान सभा अध्यक्ष के सवालों का जवाब दे दिया गया है अगर इस्तीफा स्वीकार होता है तो वे हाई कोर्ट से भी अपनी याचिका वापिस ले लेंगे।
वहीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधानसभा सचिवालय की ओर से तीनों निर्दलीय विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीनों निर्दलीय विधायकों को 9 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा गया था कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायकों के 22 मार्च को इस्तीफा देने के बाद 23 मार्च को उन्हें कांग्रेस विधायकों की ओर से शिकायत पत्र प्राप्त हुआ।बतौर स्पीकर उनका यह दायित्व है कि वह विधायकों की शिकायत पर भी ध्यान दें। वह कांग्रेस विधायकों की ओर से मिले शिकायत पत्र की भी जांच कर रहे हैं।कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जब तीनों निर्दलीय विधायक व्यक्तिगत तौर पर उनके पास इस्तीफे की प्रति लेकर पहुंचे, तो उनके साथ भाजपा के दो विधायक डॉ. जनक राज और बलवीर वर्मा भी थे।ऐसे में पूरे मामले की जांच करना उनका दायित्व है। ऐसे में एंटी डिफेक्शंन लॉ के तहत भी मामला प्रकाश में आता है और अभी यह मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है।ऐसे में वह चाहकर भी अब इस पूरे मामले को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं कर सकते हैं। प्रदेश उच्च न्यायालय ने उनसे बतौर विधानसभा स्पीकर 24 अप्रैल तक जवाब मांगा है जिसका कोर्ट में जवाब दिया जाएगा।
स्पीकर ने तीनों विधायकों से एक एक करके सवाल किए और पूछा कि इस्तीफे के पीछे क्या कारण थे क्या भाजपा का कोई दबाव था और कब तीनों विधायकों ने भाजपा ज्वाइन की जिसका तीनों ने जवाब दिया। फिलहाल अब विधान सभा अध्यक्ष के निर्णय का इंतजार है।
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