दिल्ली की सरदारी के लिए पंजाब में बिछी सियासी बिसात, बड़ा सवाल-कौन तोड़ेगा तेरह का तिलिस्म

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पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: लोकसभा चुनाव का शंखनाद किसी भी समय हो सकता है। तमाम दावों-प्रतिदावों के बीच पंजाब की सारी सियासत अब 13 लोकसभा सीटों पर केंद्रित हो गई है। एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए कई दांव-पेंच अपनाए जा रहे हैं। 13 सीटों के तिलिस्म को तोड़ने के लिए सभी पार्टियों ने अपना पूरा दम लगा दिया है। सूबे में इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग होने वाला है।

आम आदमी पार्टी पहली बार पंजाब की सत्ता में रहते हुए चुनाव मैदान में उतर रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल भी गठबंधन तोड़ कर पहली बार अलग-अलग लड़ रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल एवं बसपा में भी गठबंधन टूट गया है।

सरदार प्रकाश सिंह बादल के बिना पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे शिअद ने चुनाव से ठीक पहले शिअद (संयुक्त) का विलय करवा इस बात के संकेत दिए हैं कि वह रूठों को साथ लेकर चलेगा। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तेरह में से आठ सीटें जीतने वाली कांग्रेस में भी कई चेहरे बदल गए हैं। खास बात यह है कि चंडीगढ़ और हरियाणा में जफ्फियां डाल रहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पंजाब में एक-दूसरे के आमने- सामने होंगी, वो भी मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में।

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