शिमला, सुरेंद्र राणा: 17 फरवरी को पेश किए गए बजट पर विधानसभा सदन में चार दिन तक रिकॉर्ड 20 घंटे से अधिक चर्चा हुई जिसमें सत्ता पक्ष के 27 जबकि विपक्ष के सभी 25 विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों ने हिस्सा लिया। चर्चा के दौरान जहां पक्ष के विधायकों ने बजट की सराहना की वहीं विपक्ष की तरफ से बजट को निराशाजनक करार दिया गया। वीरवार शाम को जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चर्चा का जवाब दिया तो विपक्ष ने पूरा जवाब सुनने से पहले ही सदन से वॉक आउट कर दिया।

नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायकों ने कई मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाया था जिसको लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब नहीं मिला और मुख्यमंत्री आज भी सदन में झूठ पर झूठ बोल रहे थे जिससे सुनने की क्षमता विपक्ष के पास नही है इसलिए सदन से वॉकआउट कर दिया। भर्तियों के परिणाम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं निकाला जा रहा है। पीएमटी और पुलिस का पेपर कांग्रेस के समय में भी लीक हुआ था लेकिन उसमें कोइ कार्रवाई तत्कालीन कांग्रेस सरकार में नही हुई लेकिन भाजपा सरकार में पुलिस पेपर लीक में चार्जशीट फाइल की गई।

मुख्यमंत्री ने आर्मी को लेकर भी सदन में अपमानजनक शब्द कहे हैं और सरकार के विधायकों द्वारा भी अमर्यादित शब्दों का सदन में इस्तेमाल किया है जो बर्दाश्त से बाहर है। आपदा में रेस्क्यू के लिए मिले हेलीकॉप्टर में सरकार के एडवाइजर घूमते रहे ये बातें किसी से छिपी नहीं है। सरकार सता के नशे में मदहोश हो गई है जिसका खामियाजा लोक सभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा।

वहीं विपक्ष के वॉक आउट पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष को वॉक आउट करने की आदत हो गई है और बिना पूरा जवाब सुने ही विपक्ष सदन से बाहर चला गया।आपदा के समय में विपक्ष विधानसभा सत्र बुलाई जाने की बार-बार मांग करता रहा और जब सत्र बुलाया गया तो उसमें आपदा को लेकर केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में विपक्ष साथ में खड़ा नहीं हुआ तो किस प्रकार से विपक्ष आपदा में मदद की बात कर रहा है।

एक्साइज पॉलिसी को पूर्व में भाजपा सरकार हर साल रिन्यू करती रही जिससे करोड़ों का नुकसान प्रदेश को हुआ। सरकार ने बदहाल आर्थिक स्थिति के बावजूद आत्मनिर्भर हिमाचल की बजट में नींव रखी है और 2032 तक प्रदेश भारत का समृद्ध राज्य बनेगा।

 

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