पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: केंद्र से चौथे दौर की बैठक से पहले शनिवार को पटियाला के शंभू बाॅर्डर पर माहौल शांतिपूर्ण बना रहा। युवाओं के जोश और बुजुर्गों के हौसले को बड़ी संख्या में महिलाओं का साथ मिल रहा है। वह लगातार मोर्चे पर डटी हैं। कुछ महिलाएं बच्चों को भी साथ ले आईं हैं। वहीं, झड़प में घायल किसान इलाज करवाकर वापस मोर्चे में शामिल हो रहे हैं।
किसानों का कहना है कि बैठक में मांगों का हल हो गया तो ठीक है, वरना मोर्चा फतेह करके ही घरों को लौटेंगे। उधर, बाॅर्डर पर लगातार किसानों की गिनती बढ़ रही है। बॉर्डर से पहले करीब 5 किलोमीटर तक सड़क हजारों ट्रैक्टर-ट्रालियों से पट गई है। इनकी संख्या सात हजार के करीब बताई जा रही है।
मोर्चे में केवल पंजाब के ही नहीं, बल्कि राजस्थान और हरियाणा के भी किसान जुटने लगे हैं। पूरा दिन बॉर्डर के नजदीक पंजाब पुलिस का कोई भी मुलाजिम तैनात नहीं दिखा। शुक्रवार को कुछ नौजवान रस्सी को फांदकर आगे चले गए थे। इसके बाद हरियाणा की तरफ से काफी आंसू गैस के गोले छोड़े गए थ।
लगातार बढ़ रही किसानों की संख्या पांच किमी तक सड़क पर हजारों ट्रैक्टर
किसानों ने अपनी ट्रैक्टर-ट्रालियों को मॉडीफाई करके इसे अस्थायी ठहराव बना रखा है। इनमें राशन से लेकर सब्जियां, गद्दे, कंबल व अन्य जरूरत का सामान है। किसानों का कहना है कि अगर पहले किसानी आंदोलन में मोदी सरकार से लिखित में मांगों संबंधी वादा ले लिया होता, तो आज दूसरी बार संघर्ष करने की जरूरत नहीं पड़ती।
लंगर का प्रबंध कर रहे ग्रामीण
किसानों के मोर्चे की एक खास बात यह है कि किसानों के हक में बॉर्डर के आसपास लगते गांवों के लोग व गुरुद्वारों से कमेटियां दूध से लेकर सब्जी रोटी, लस्सी, मिठाई, फल व पानी का लंगर लेकर रोज पहुंच रहे हैं।
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