पंजाब दस्तक सुरेंद्र राणा: एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि राम रहीम के प्रति सरकार की विशेष सहानुभूति सवाल खड़ा करती है। यह सीधे तौर पर राजनीति से प्रेरित घटना है। उन्होंने कहा कि देश में सरकारें दोहरी नीति अपना रही हैं। एक ओर दुष्कर्म और हत्या की सजा काट रहे व्यक्ति को बार-बार पैरोल दी जाती है।
वहीं दूसरी ओर तीन दशकों से जेलों में बंद सिखों के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए यह आपत्तिजनक है कि सरकारें गुरमीत राम रहीम के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंद लेती हैं और उसे बार-बार पैरोल पर छोड़ देती हैं। यह पीड़ितों के घावों पर नमक छिड़कने वाली कार्रवाई है।
बंदी सिंहों की रिहाई के प्रयास जारी रहेंगे: धामी
जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआणा की सजा को उम्रकैद में तबदील करवाने व अन्य बंदी सिंहों की रिहाई के लिए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा गठित पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी की शुक्रवार देर शाम बैठक भी हुई। बैठक के दौरान मुद्दे को लेकर सरकार के साथ बातचीत की उम्मीद जताते हुए प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिदर सिंह धामी के नेतृत्व में हुई इस बैठक में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, मुख्य संपादक, अजीत प्रकाशन समूह बरजिंदर सिंह हमदर्द, वरिष्ठ अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा और बीबी कमलदीप कौर राजोआणा उपस्थित रहे। धामी ने कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी की अब तक की कार्रवाई का मूल्यांकन करने के बाद यह महसूस हुआ है कि यह कार्य सुचारू रूप से और गंभीरता से किया जाएगा।
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