पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: यूनाइटेड किंगडम (यूके) में पढ़ने वाले विद्यार्थी अब अपने जीवनसाथी या किसी अन्य को साथ नहीं ले जा सकेंगे। यूके सरकार ने एक जनवरी से स्पाउस वीजा पर रोक लगा दी है। यानी यूके में पढ़ने वाला कोई भी विदेशी छात्र अपने साथ पति या पत्नी को नहीं ले जा सकेगा। गौरतलब है कि कनाडा और यूके जाने के लिए पंजाब में कॉन्ट्रैक्ट मैरिज तक की जा रही हैं।
यूके या कनाडा में पढ़ रहीं लड़कियों से कॉन्ट्रैक्ट मैरिज कर पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा के कई लोग विदेशों में जाकर सेटल हो गए। लेकिन अब एक जनवरी 2024 से यूके स्पाउस वीजा नहीं देगा। इससे कॉन्ट्रैक्ट मैरिज में कमी आने की उम्मीद है।
दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने जनवरी 2021 में वहां काम करने वालों के लिए कम से कम 25 हजार 600 पाउंड प्रतिवर्ष की आय निर्धारित की थी, लेकिन भारतीय खासकर पंजाब से ऐसे लोग यूके पहुंच गए, जो खेतीबाड़ी के अलावा हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में कम पगार पर काम करने लगे। इससे यूके में राइट टू वर्क पर असर पड़ने लगा। यूके के मूल निवासी कम पगार पर काम करने के लिए मजबूर होने लगे। इससे वहां की सरकार खासा दबाव महसूस कर रही थी।
बीते साल थे तीन लाख वीजा
ब्रिटेन में 2020 में 48,639 भारतीय छात्र पहुंचे थे। 2021 में 55903 व 2022 में यह संख्या 200978 तक जा पहुंची और 2023 तक यह आंकड़ा तीन लाख पार कर गया। इसमें 85 प्रतिशत विद्यार्थी शादीशुदा थे, जिनका मकसद किसी तरह ब्रिटेन पहुंचना था। वहां जाकर विद्यार्थी के जीवनसाथी कम पगार पर काम-धंधे में लग गए। इनमें से करीब 60 प्रतिशत लोग पंजाब से हैं, जबकि हरियाणा, चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों को जोड़ लिया जाए तो इनकी संख्या 80 प्रतिशत से भी अधिक हो जाती है।
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