शिमला, सुरेंद्र राणा: प्रदेश में सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की, एक नाम सियासत व जनता के बीच चर्चा में रहता है, वह है वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा का नाम। सुक्खू मंत्रिमंडल के विस्तार में मंत्री पद से एक बार फिर वंचित रहे राणा पावरफुल राजनेता माने जाते हैं, किंतु अपनी ही सरकार में क्यों वह ””पावर”” हासिल नहीं कर सके, किसने उनकी राह में रोड़े अटकाए, उनके लोकसभा चुनाव लड़ने या पुनः भाजपा में जाने की अटकलें हों। इन दिनों हमीरपुर जिले के लोगों की सहानुभूति की लहर पर सवार दिख रहे राणा से इन तमाम मसलों पर राणा ने कहा कि आलाकमान ने मुझे ग्रीन सिग्नल दिया था। सी.एम. सुक्खू ने भी भरोसा दिया था, लेकिन पता नहीं कोई मजबूरी हो सकती है।
भाजपा में दोबारा जाने की अटकलों पर राजेन्द्र राणा ने कहा कि ऐसी संभावना अभी तक तो नहीं है। लेकिन, सियासत में संभावनाएं हमेशा खुली रहती हैं।
यह सीएम का विशेषाधिकार है। मुझे अन्य पदों की भी पेशकश हुई, किंतु मैं राजी नहीं हुआ। मैंने पार्टी को हर चुनाव में रिजल्ट दिए हैं। मेरे कर्म में यदि कमी रही है तो उसे दूर करूंगा। राणा ने कहा कि कभी भाजपा का अभेद्य दुर्ग रहे जिला हमीरपुर में आज कांग्रेस का वर्चस्व बना है। मुख्यमंत्री हमीरपुर से हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण 2017 में भाजपा द्वारा प्रोजैक्ट मुख्यमंत्री धूमल की हार रही है। राणा ने कहा कि नए साल में सुजानपुर विधानसभा हलके में जलशक्ति व बिजली विभाग के डिवीजन ऑफिस दोबारा नोटिफाई करवाना, टौणी देवी में कालेज खुलवाना, सुजानपुर अस्पताल को 100 बैड करना व टाऊन हाल का निर्माण उनकी प्राथमिकता है।
सूबे में बढ़ती बेरीजगारी पर कहा कि मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रुके रिजल्ट जल्द निकालने व करुणामूल आधार पर नियुक्तियों को जल्द करने का आग्रह किया है।
+ There are no comments
Add yours