धर्मशाला, सुरेंद्र राणा; हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए पूरी सरकार शिमला से विंटर कैपिटल धर्मशाला पहुंच गई है। तपोवन धर्मशाला में हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पांच दिन तक चलने वाले सत्र की शुरुआत में स्पीकर की इजाजत से डिप्टी स्पीकर की तैनाती कर सकते हैं। डिप्टी स्पीकर की चयन प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात मुख्यमंत्री सुक्खू दो नव नियुक्त मंत्री राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा का सदन में परिचय करवाएंगे।
इसके बाद सदन की कार्यवाही हिमाचल विधानसभा के दिवंगत विधायक बालकृष्ण चौहान के शोकोद्गार से शुरू होगी। विधायक के निधन पर मुख्यमंत्री सहित सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी-अपनी बात रखेंगे। फिर प्रश्नकाल होगा। प्रश्नकाल के बाद कुछ विधेयक सदन में चर्चा के लिए लाएंगे और कुछ विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी।
विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। भारतीय जनता पार्टी सत्र से पहले ही सभी जिलों में सरकार के एक साल के कार्यकाल के खिलाफ प्रदर्शन करके अपने इरादे स्पष्ट कर चुकी है। इस दौरान विपक्ष हिमाचल की आर्थिक सेहत, कांग्रेस की गारंटियों, मानसून के दौरान आपदा से हुई तबाही और राहत एवं बचाव कार्य को लेकर सरकार पर हमले करने का प्रयास करेगा।
सदन में गूजेंगे 471 सवाल विपक्ष के ज्यादातर विधायकों ने इन्हीं से जुड़े सवाल सदन में पूछे हैं। कुल मिलाकर इस सत्र में 471 सवाल पूछे जाएंगे। कांग्रेस और भाजपा विधायक दल बीती शाम को ही धर्मशाला में मीटिंग कर रणनीति बना चुके हैं।
सेशन के लिए शिमला से 320 से ज्यादा IAS व HAS, विभागाध्यक्ष, इनका पर्सनल स्टाफ और मीडिया कर्मी तपोवन धर्मशाला गए हैं। इनमें ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी गाड़ियों में गए हैं, जबकि कुछेक अधिकारी हेलिकॉप्टर से भी तपोवन धर्मशाला पहुंचे हैं।
पूरी सरकार अब अगले पांच-छह दिन तक कांगड़ा के तपोवन में रुकेगी। इनके ठहरने के लिए धर्मशाला में दो दर्जन से ज्यादा होटलों में इंतजाम किए गए हैं। स्टेट सेक्रेट्रिएट शिमला से मुख्य सचिव सहित करीब 18 IAS, विधानसभा से लगभग 30 विभिन्न विभागों-बोर्ड और निगमों के विभागाध्यक्ष भी इस सत्र के लिए धर्मशाला में हैं।
प्रत्येक अधिकारी के साथ शिमला से पर्सनल स्टाफ, गाड़ी भी ड्राइवर सहित भेजी गई है। इसी तरह मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव (CPS), सरकार में कैबिनेट रैंक की नियुक्तियों और विभिन्न बोर्ड-निगमों के चेयरमैन व वाइस चेयरमैन भी सत्र के लिए धर्मशाला में हैं।
इन सबकी मूवमेंट, खाने-पीने व ठहरने और गाड़ियों पर चार करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा। सेशन के दौरान सुरक्षा के लिए प्रदेश की अलग अलग बटालियन से करीब 200 पुलिस जवान भी धर्मशाला तपोवन बुलाए गए हैं।
वीरभद्र सिंह ने 1994 में शीतकालीन प्रवास की परंपरा शुरू की थी। शीतकालीन प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री और कुछ अधिकारी भी शीतकालीन प्रवास पर जाकर एक सप्ताह तक कांगड़ा में रुकते हैं और लोगों की समस्याओं का निपटारा करते हैं।
दिसंबर 2005 में पहली बार शिमला से बाहर शीतकालीन सत्र
दरअसल, प्रदेश की राजधानी शिमला से बाहर शीतकालीन सत्र की शुरुआत दिसंबर 2005 में हुई थी। तब से हर साल सरकार शीतकालीन सत्र के लिए तपोवन धर्मशाला जाती है। तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसकी शुरुआत अपर व लोअर हिमाचल की पॉलिटिक्स खत्म करने के दावे के साथ की थी।
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