पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: राजस्थान के चुनाव परिणाम में पंजाब के साथ एक अजब संयोग जुड़ा हुआ है। 2022 में पंजाब में हुए विधान सभा चुनाव में राजस्थान के हरीश चौधरी पंजाब के प्रभारी थे। जबकि 2023 में राजस्थान में हुए विधान सभा चुनाव में सुखजिंदर रंधावा प्रभारी थे, जोकि पंजाब से हैं।
अहम बात यह है कि चौधरी के नेतृत्व में पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से दूर जाना पड़ा था और वहीं स्थिति राजस्थान में है। सुखजिंदर रंधावा के प्रभारी रहते हुए कांग्रेस को सत्ता से दूर जाना पड़ा। बस एक ही बात दोनों नेताओं को अलग बनाती है। सुखजिंदर रंधावा अपना विधान सभा चुनाव जीत गए थे। जबकि हरीश चौधरी बाईतू से अपना चुनाव हार गए।
पंजाब में हिसाब-किताब बराबर
राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद पंजाब कांग्रेस में यह चर्चा चल रही रही है कि पंजाब ने अपना हिसाब-किताब बराबर कर लिया है। 2022 के विधान सभा चुनाव में हरीश चौधरी के पास प्रदेश प्रभारी की कमान थी।
जबकि 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने व उनके स्थान पर नए मुख्यमंत्री को लाने के लिए बनी कमेटी में हरीश चौधरी शामिल थे। यह वह समय था जब पंजाब में कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में थी लेकिन मुख्यमंत्री को बदलने के बाद से स्थितियों में बदलाव आना शुरू हो गया।
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