नगर निगम चुनाव में विधायकों को वोटिंग अधिकार देना निंदनीय : बिंदल

शिमला, सुरेंद्र राणा:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल कांग्रेस सरकार द्वारा अजीबो-गरीब फैसले लिए जा रहे हैं। नगर निगम में मेयर तथा डिप्टी मेयर का चुनाव होना है और उनकी समय अवधि समाप्त हो गई है। समय अवधि समाप्त होने के बाद लंबे समय तक उनके चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई।

डॉ. बिंदल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी करके नगर निगम चुनाव करवाने के लिए विभिन्न एडीसी को अधिकृत किया। एडीसी ने प्रदेश सरकार से नगर निगम चुनाव में विधायको के मतदान करने बारे प्रदेश सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन काफी समय तक लंबित रखने के बाद इस विषय पर प्रदेश सचिव की ओर से अधिसूचना के माध्यम से सरकार ने स्पष्ट किया कि नगर निगमों के चुनाव में विधायकों को वोट डालने का अधिकार नहीं है। उसके बाद एडीसी ने चुनाव प्रकिया शुरू की और एमसी मंडी का चुनाव 25 नवम्बर को तय किया गया। पालमपुर एमसी का चुनाव 24 नवम्बर तय किया गया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद 23 नवम्बर की रात को सरकार की ओर से एक और अधिसूचना जारी की जाती है कि जिसमे कहा गया है कि नगर निगम चुनावों में विधायकों को वोट देने का अधिकार दिया जाता है। ऐसे में यह निर्णय चर्चा का विषय बन गया हैं। आज पालमपुर में एमसी चुनाव को लेकर वोटिंग है और 25 नवम्बर को मंडी में मतदान हैं। अब ऐसे में असमंजस यह है कि दोनों स्थितयों के अंदर कौन सा नियम है जो इस्तेमाल किया जाएगा, जो पत्र चुनाव घोषित होने के बाद प्रदेश सचिव ने स्पष्टीकरण के तौर पर लिखा कि विधायकों को वोटिंग का अधिकार नहीं है वो इस्तेमाल होगा या पिछले रात को लिया गया निर्णय इस्तेमाल होगा?

डॉ. बिंदल ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार किसी भी नियम-कानून से नहीं चल रही हैं और मनगढंत तरीके से फैसले ले रही हैं। इस प्रकार यह सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि विधायक को वोटिंग राइट है तो फिर विधायक एमसी का मेयर भी बन सकता। नगर निगम पार्षद और विधायक के चुनाव में सरकार कोई अंतर नहीं रख रही हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने कांग्रेस सरकार के इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा की है।

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