शिमला, सुरेंद्र राणा: सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के इतिहास में पहली बार चुने गए अध्यक्ष व कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। पूर्व में सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन की नई गठित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह नही हुआ है। कल शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने जा रहे हैं। इसको लेकर सचिवालय कर्मचारियों में आज पूरा दिन गुफ्तगू होती रही तो कुछ कर्मचारी दबी आवाज में इसको लेकर विरोध भी जता रहे हैं।
इस फैसले के बाद कुछ कर्मचारी दबे स्वर में कह रहे हैं कि सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन कर्मचारी की आवाज को उठाने और उनके हक की आवाज बुलंद करते है। मुख्यमंत्री के द्वारा अगर प्रधान व कार्यकारिणी को शपथ दिलाने की परंपरा शुरू की जाती है इससे मे यह संगठन सरकार का पिट्ठू बनकर रह जाएगा। और इसकी मूल भावना खत्म हो जाएगी।
स्वर्गीय चेतराम आजाद से लेकर भगत सिंह ठाकुर, दौलत चौहान, स्वर्गीय मनमोहन जसल, और पूर्व में अध्यक्ष रहे संजीव शर्मा और भूपेंद्र बॉबी और राजेंद्र शर्मा मौजूदा संयुक्त सचिव वित्त जो पूर्व में प्रधान रहे तक सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्षों ने अलग-अलग मुख्यमंत्री के साथ सामंजस्य स्थापित किया और कर्मचारियों को उनकी देनदारियां दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आज कर्मचारियों का डीए,एरियर और 2016 के बाद सेवानििवृत हुए कर्मचारीयों की लाखों की देनदाारियां हैं। वर्तमान का सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन कर्मचारी और पेंशनरों की मांगों को उठाने के बजाय सरकार की चमचागिरी करने में लगा हुआ है जो की कर्मचारियों के हित में नहीं हैं। प्रदेश के कर्मचारी नेताओं ने संगठन के पंजीकरण को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
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