पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: अगर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचना है को खाद्य पदार्थ डालने के लिए प्रिंटेड कागजी लिफाफों के इस्तेमाल से बचें, वरना इन कागजों में इस्तेमाल होने वाली सियाही आपके लिए घायक साबित हो सकती है। अगर खुद और परिवार को सुरक्षित और स्वस्थ रखना है तो प्रिंटेड कागजी लिफाफों में न तो खाद्य पदार्थ (जलेबी-पकोड़ा) डालें और न ही इसे नैकपीन की तरह इस्तेमाल करें। इसके अलावा अगर कोई मिठाई वाला आपको प्रिंटेड कागज के लिफाफे में जलेबी या पकोड़े आदि डालकर देता है तो उसे लेने से मना कर दें। प्रिंटेड कागजी लिफाफों में इस्तेमाल होने वाली सियाही में कई प्रकार के कैमिकल होते हैं। इसके इस्तेमाल से कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
बता दें कि आज की जीवनशैली में लोगों ने पैसे बचाने के चक्कर में नैपकीन की बजाय प्रिंटेड कागजी लिफाफों का इस्तेमाल करने लगे हैं। कई मिठाई विक्रेता भी जलेबी और अन्य खाद्य सामग्री ग्राहकों को प्रिंटेड कागजी लिफाफों में डालकर दे देंते हैं, जिससे सियाही का कैमिकल खाने वाले सामान के साथ छिपकर सीधे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाती है, जिससे कैमिकल शरीर के अंदर बीमारियां पैदा करना शुरू कर देता है। इन कागजों का सबसे अधिक इस्तेमाल स्ट्रीट फूड वाले करते हैं। वे लोगों को बर्गर आदि भी इन्हीं कागजों में देते हैं। इसके अलावा हाथ और मुंह साफ करने के लिए भी इन्हीं कागजों को देते हैं।
इसके अलावा अधिक मात्रा में फूड ग्रेड कलर का इस्तेमाल भी लोगों को बीमार कर सकता है। दुकानदार मिठाइयों को ज्यादा रंगत देने के लिए कलर का अधिक इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए विभाग की ओर से बार-बार फूड ग्रेड कलर का इस्तेमाल कम मात्रा में करने के लिए मिठाई विक्रेताओं को कहते हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन कागजी लिफाफों का इस्तेमाल केवल मिठाई के डिब्बों के डालने के लिए करना चाहिए, न कि उसके खाद्य सामग्री सीधे डाली जाए।प्रिंटेड कागज सेहत के लिए घातकखाद्य पदार्थ सीधे प्रिंटेड कागज के लिफाफे में डालने से कई प्रकार की बीमारियां लोगों को ग्रसित कर सकती हैं। इन कागजों की सियाही में कई कैमिकल होते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इन कागजों का इस्तेमाल जलेबी-पकोड़ा आदि डालने के लिए न करें।- डॉ. सुशील शर्मा, सीएमओ कांगड़ा
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