पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पराली जलाने की घटनाओं से पर्यावरण को पहुंच रहे नुकसान के चलते विगत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पंजाब सरकार को फटकार लगाई गई थी। साथ ही कहा गया था कि जहां कहीं भी पराली जलाने की घटनाएं होती हैं तो वहां का थानाध्यक्ष जिम्मेदार होगा। जिसके बाद पंजाब सरकार ने नियमों का पालन करने का आश्वासन दिया है। 500 से अधिक स्थानों पर पराली जल चुकी
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के अगले ही दिन बुधवार को जिला श्री मुक्तसर साहिब में डिप्टी कमिश्नर डॉ. रूही दुग ने पुलिस के सीनियर अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक कर पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने को लेकर विचार किया। वहीं हिदायत की कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों का हर हाल में पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में अगर कोई किसान सुप्रीम कोर्ट की हिदायत का उल्लंघन कर पराली या उसके अवशेष को आग लगाता है तो संबंधित किसान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बता दें कि जिले में 500 से अधिक स्थानों पर पराली जल चुकी है। किसानों से पराली न जलाने की अपील
डीसी डा. रूही दुग ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरबत के भले के लिए पराली को आग न लगाएं। पराली जलाने से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है। साथ ही जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम हो रही है। जमीन को बंजर कर रहे हैं। इस तरह हम जमीन में फसल की बुआई करने में भी असमर्थ हो जाएंगे, क्योंकि जमीन की पैदावार शक्ति ही खत्म हो जाएगी।
पराली को खेत में जलाया जाए
डीसी ने कहा कि यदि पराली को खेत में मिला दिया जाए तो पराली जमीन में जैविक मादे की बढ़ोतरी का काम करती है और जमीन की ताकत बढ़ती है। इससे अच्छी उपज मिलती है। उन्होंने कहा कि गांवों में पराली प्रबंधन को लेकर मशीनें उपलब्ध हैं। किसान किराए पर मशीनें ले सकते हैं। इसलिए कृषि विभाग की सलाह ली जा सकती है। बैठक में एसएसपी भागीरथ सिंह मीना, एसपी कुलवंत राय, एसडीएम कंवरजीत सिंह मान, एसडीएम गिद्दड़बाहा बलजीत कौर, मलोट के एसडीएम डॉ. संजीव कुमार, कृषि अधिकारी गुरप्रीत सिंह भी मौजूद थे।
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