चंडीगढ़, सुरेंद्र राणा: हरियाणा के मजदूर और किसान अपनी मांगों को लेकर 26 से 28 नवंबर तक प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ में महापड़ाव डालेंगे। इसके लिए सीटू (केंद्रीय भारतीय ट्रेड यूनियन) हरियाणा और संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पदाधिकारियों का दावा है कि महापड़ाव के दौरान सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन का एलान किया जाएगा।
सीटू हरियाणा की राज्य अध्यक्ष सुरेखा, महासचिव जय भगवान और कोषाध्यक्ष विनोद कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र और हरियाणा सरकार पूंजीपतियों के हित साधने के लिए लगातार जनविरोधी नीतियां लागू कर रही है। इससे मेहनतकश जनता का जीवन लगातार मुश्किल होता जा रहा है। देश के मजदूरों के विभिन्न तबके अपने मांग मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। लंबे संघर्षों के बाद भी सरकार वर्कर्स के मांग मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है। मजदूरों और किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिशें की जा रही हैं। सुरेखा ने कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर की 4 महीने तक चली हड़ताल, आशा वर्कर्स का 73 दिन तक चला आंदोलन इसका एक उदाहरण है। इसी प्रकार, 10 अक्टूबर से ग्रामीण सफाई कर्मचारी निरंतर हड़ताल पर हैं। मिड डे मील वर्कर्स, ग्रामीण चौकीदार, फैक्ट्री मजदूर, मनरेगा मजदूर, वन मजदूर सभी लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार पहचान पत्र के नाम पर जनता के बड़े हिस्से की विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन और बुढ़ापा पेंशन काट ली गई है । उनके राशन कार्ड काट दिए गए हैं।महासचिव जय भगवान ने कहा कि किसानों के भी लंबे संघर्ष के एम बाद नरेंद्र मोदी के इस आश्वासन के बाद की न्यूनतम समर्थन मूल्य को जल्द ही लागू किया जाएगा, आज तक लागू नहीं किया गया है। 24 अगस्त को देश की तमाम केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चे की संयुक्त कन्वेंशन दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में हुई थी, जिसमें यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया कि तमाम मांग मुद्दों को लेकर देश के मजदूर और किसान अब एकजुट संघर्ष करेंगे। इसी कड़ी में 26 से 28 नवंबर को चंडीगढ़ में महापड़ाव डाला जाएगा।
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