शिमला, सुरेंद्र राणा; हिमाचल प्रदेश के कई ब्लॉकों में मनरेगा के तहत सीमेंट पर खर्च होने वाला बजट रुक गया है। इससे काम अटक गए हैं। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू की ओर से घोषित विशेष पैकेज में 1,000 करोड़ रुपये का बजट मनरेगा से व्यय किया जाना है। अगर निर्माण सामग्री का बजट देरी से जारी होता है तो आगे सर्दियों में आपदा राहत देने के काम रुक जाएंगे। इससे प्रतिरक्षा दीवारें लगाने का काम भी आगे सरक जाएगा। राज्य में कई ब्लॉकों में पंचायतों को लेबर कंपोनेंट का बजट तो जारी हो रहा है, मगर मैटरियल कंपोनेंट का नहीं हो रहा है। इस बजट के जारी नहीं होने के मामले में अधिकारियों की ओर से अलग-अलग दलीलें दी जा रही हैं।
कहीं कहा जा रहा है कि केंद्र से ही बजट नहीं आ रहा है तो कहीं कहा जा रहा है कि इसकी वजह यह है कि लेबर कंपोनेंट और मैटरियल कंपोनेंट का अनुपात जहां पर बिगड़ रहा है, वहीं दिक्कत आ रही है। यानी बजट वहीं भेजा जा रहा है, जहां पर यह अनुपात पूरा किया जा रहा है। 60 फीसदी बजट लेबर कंपोनेंट और 40 प्रतिशत मैटरियल कंपोनेंट पर खर्च किया जा रहा है। राज्य ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि हाल ही में करीब 15 करोड़ रुपये जारी कर लिए गए हैं। जहां-जहां जरूरत है, वहां-वहां इसे भेजा जा रहा है। निदेशक ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर ने कहा है कि दिक्कत वहीं आ रही है, जहां अनुपात का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां बजट की दिक्कत है। इसे वहां भेजा जा रहा है।
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