ADR: पांच साल में चुनावी बॉन्ड के जरिए BJP को मिले 5272 तो कांग्रेस को 952 करोड़; कुल रकम सुनकर चौंक जाएंगे

1 min read

दिल्ली: राजनीतिक दलों को धन देने के लिए शुरू की गई चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से 2019 के अंतरिम आदेश के बाद से चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को प्राप्त धन के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने की बात कही है। इस बीच, चुनावी बांड को लेकर एडीआर का डेटा सामने आया है। जिसमें पता चला है कि 2021-22 तक चुनावी बांड से सभी राजनीतिक दलों को मिलाकर 9,188 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस तरह सबसे ज्यादा चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला है जिसकी प्रतिशतता 57 है वहीं कांग्रेस को इस राशि का 10 प्रतिशत चंदा मिला है।

चुनावी बांड के जरिए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को मिले 9,188.35 करोड़

एडीआर डेटा के मुताबिक, साल 2016-17 से 2021-22 के बीच सात राष्ट्रीय दलों और 24 क्षेत्रीय दलों को चुनावी बांड के जरिए कुल 9,188.35 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ। इसमें से भाजपा को को 5,272 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 952 करोड़ रुपये मिले। वहीं, शेष धनराशि में पांच अन्य दल शामिल रहे।

साल-दर-साल देखी गई बढ़ोतरी

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह भी बताया है कि साल दर साल चुनावी बांड के रूप में राष्ट्रीय पार्टियों को मिलने वाले दान में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2021-22 के बीच इसमें 743 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अगर राष्ट्रीय पार्टियों को मिलने वाले कॉर्पोरेट चंदे के आंकड़ों को देखें तो यह केवल 48 प्रतिशत बढ़ा है।

इस साल जुलाई में एडीआर ने बताया था कि 2016-17 और 2021-22 के बीच राजनीतिक दलों को मिले सभी तरह के दान का आधे से अधिक हिस्सा चुनावी बांड के माध्यम से मिला था। वहीं, भाजपा को अन्य सभी राष्ट्रीय दलों की तुलना में सबसे अधिक चंदा प्राप्त हुआ था।इसमें यह भी कहा गया कि 2016-17 से 2021-22 के बीच सात राष्ट्रीय दलों और 24 राज्य दलों को लगभग 16,437 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ है। इसमें से 9,188.35 करोड़ रुपये तो केवल चुनावी बांड के जरिए प्राप्त हुए थे। ये रकम कुल दान का लगभग 56 प्रतिशत थी।

यह है चुनावी बॉन्ड योजना

गौरतलब है, चुनावी बॉन्ड योजना चुनावी बांड योजना 2017 में एक वित्त विधेयक के माध्यम से पेश की गई थी और 2018 में लागू की गई थी। इस योजना को राजनीतिक वित्त पोषण में पारदर्शिता लाने की कोशिशों के हिस्से के रूप में पार्टियों के लिए नकद चंदे के एक विकल्प के रूप में लाया गया है। इस योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बॉन्ड भारत का कोई भी नागरिक या भारत में स्थापित संस्था खरीद सकती है। कोई व्यक्ति, अकेले या अन्य लोगों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के मूल्यवर्ग में बांड जारी करता है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours