कुल्लू, काजल: हिमाचल में प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में रात को एक पंडाल में भीषण आग भड़क गई। आग से 13 से ज्यादा देवी देवताओं के टेंट जलकर राख हो गए। 2 व्यक्ति भी आग की लपेटों की चपेट में आकर झुलस गए। आग लगते ही देवी-देवता और टेंट में मौजूद लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे।आग की यह घटना रात करीब 3 के बादपेश आई। इससे कुल्लू के ढालपुर मैदान में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस घटना में करीब 5 दुकानें भी जलकर राख हो गई है, जिसमें दुकानदारों का समान पूरी तरह से जल गया। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग मौके पर पहुंचा आग पर काबू पाया।
वहीं देवताओं के साथ अन्य देवलुओं के सोने के टैंट भी जल गए हैं। इसके अलावा देवी देवताओं की चांदी, लकड़ी की अर्लगलाएं, दानपात्र, ढोल, नगाड़े, नरसिंगे, ट्रंक सहित अन्य सामान जलकर राख हो गया है। एक कार भी जल गई है। कारकूनों और पुलिस जवानों ने देवी देवताओं के देव रथों को कड़ी मशक्कत के साथ टेंट से बाहर निकाल दिया। देव रथ आग से बचा लिए गए।देवताओं को अस्थाई शिविरों में पहुंचाया।
इसके अलावा अन्य सामान जलकर राख हो गए हैं। सोने, चांदी के देव आभूषण भी देवताओं को बाहर निकालते समय घटना में खो जाने की सूचना है। जिन देवी देवताओं के टेंट में आग लगी उन देवी देवताओं को न्यायालय पार्किंग व कुछ देवी देवताओं को अन्य देवताओं के अस्थाई शिविरों में रखा गया है। कुल्लू मेले में आग की पहली घटना कुल्लू दशहरा के इतिहास में पहली बार अठारह करडू की सौह में देवी देवताओं के अस्थाई शिविरों में आग की घटना पेश आई है। कुछ पुलिस कर्मियों को भी आग बुझाते हल्की चोटें आई है।
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