पंजाब दस्तक, सुरेन्दर राणा: पंजाब सरकार की योजनाओं और प्रयासों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अहम भूमिका निभाएंगे। इसके लिए पंजाब सरकार ने पॉलिसी जारी कर दी है। हालांकि, सरकार से जुड़ने के लिए इन्फ्लुएंसर के पास कम से कम दस हजार सब्सक्राइबर्स होने चाहिए और उसकी छवि साफ-सुथरी होनी चाहिए। उस पर किसी तरह का केस दर्ज नहीं होना चाहिए। इनकी पांच श्रेणियां बनाई गईं हैं। प्रत्येक मुहिम के लिए उन्हें तीन से आठ लाख रुपये तक का भुगतान करने का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार का मानना है कि आज के डिजिटल युग में इन्फ्लुएंसर सार्वजनिक धारणाओं को महत्वपूर्ण ढंग के साथ बदलते हैं। इस नीति का मकसद पंजाब के समृद्ध सभ्याचार, विरासत और शासन संबंधी पहल को देश भर के लोगों तक पहुंचाना है। नीति के मुताबिक इन्फ्लुएंसर को शुरुआत से कम से कम 6 महीने पहले सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना होगा। इस पर किसी तरह का कोई आपराधिक मामला नहीं होना चाहिए।
किसी भी राज्य सरकार, पीएसयू द्वारा उसे ब्लैक लिस्ट में नहीं किया होना होना चाहिए। वहीं, वह दिवालिया या रिसीवरशिप में नहीं होना चाहिए या उसका अपना व्यवसाय नहीं होना चाहिए। उसे अपने सोशल मीडिया चैनलों पर कोई भी ऐसी सामग्री पोस्ट नहीं करनी चाहिए जो अश्लील हो। यह सामग्री राष्ट्र-विरोधी या राज्य के हितों के खिलाफ नहीं होनी चाहिए। सरकार से पैनल से अधिक से अधिक दो वर्ष की अवधि के लिए रहेगी। इन्फ्लुएंसर के लिए https://bit.ly/Punjabinfluencerpolicy पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन फार्म किया जारी किया है।
श्रेणी की- सब्सक्राइबर्स की संख्या- राशि की अदायगी (रुपये में)
श्रेणी-ए- एक मिलियन- 800000
श्रेणी-बी- 500000 से 1 मिलियन- 500000
श्रेणी-सी- 100000 से 500000- 300000
श्रेणी-डी- 50000 से 100000- 300000
श्रेणी-ई- 10000 से 50000- 300000
यह नियम टूटे तो होगी कार्रवाई
इन्फ्लुएंसर को कुछ अन्य शर्तों का भी पालन करना होगा। उनकी सामग्री मौलिक होनी चाहिए और किसी भी कॉपीराइट कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। सामग्री को पंजाब को सकारात्मक रूप से बढ़ावा देना चाहिए। सरकार के अच्छी चीजें, संस्कृति, विरासत को उजागर करना चाहिए। किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या विवादास्पद विषय को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। कोई भी सामग्री भ्रामक या झूठी पाई गई तो प्रभावित करने वाले को हटा दिया जाएगा। उसे कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है। सामग्री को सरकार के मिशन, दृष्टिकोण और मूल्यों के अनुरूप होना चाहिए। सामग्री तथ्यात्मक, सटीक और भ्रामक जानकारी से रहित होनी चाहिए।
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