पिछले कुछ हफ्तों में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ बेल्ट में गोलीबारी की कई घटनाएं, कानून व्यवस्था नियंत्रण से बाहर : भाजपा

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सोलन, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डॉ राजीव सहजल और विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने कहा की बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) का औद्योगिक क्षेत्र पिछले कुछ हफ्तों में गोलीबारी की घटनाओं की एक श्रृंखला के साथ राज्य की अपराध राजधानी के रूप में उभरा है। यह एक बहुत बढ़िया चिंता का विषय है, स्थानीय जनता के लिए कानून व्यवस्था इस प्रकार बिगड़ना असुरक्षा को बढ़ावा देने जैसा है।

उन्होंने कहा की पिछले कुछ समय से हथियारबंद बदमाश सक्रिय हो गए हैं। अंतरराज्यीय गिरोहों की गतिविधियां सामने आने के बावजूद अवैध हथियारों की आसान उपलब्धता को रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया है। जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है तब से असामाजिक तत्व बढ़ते दिखाई दे रहे हैं, माफिया पूरे हिमाचल में सक्रिय होता दिखाई दे रहा है पर इस क्षेत्र में माफिया तेजी से बड़ा रहा है।

भाजपा नेताओं ने कहा की 6 सितंबर को बद्दी में अंतरराज्यीय बैरियर के पास एक होटल पर अंधाधुंध फायरिंग कर एक बदमाश फरार हो गया। उसने खुद को खतरनाक अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य बताते हुए होटल मालिक से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। एक अन्य घटना में तीन युवकों ने एक ठेकेदार को तमंचे से डराया और उससे पैसे मांगे। इसके अलावा, 10 अगस्त को पंजाब के बदमाशों ने स्वारघाट-नालागढ़ रोड पर दो भाइयों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। 19 सितंबर को बद्दी-नालागढ़ हाईवे पर आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम से लाखों की नकदी लूट ली गई थी। यह सब बहुत बड़ी चिंता का विषय है, हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था चर्मराती दिखाई दे रही है और सरकार कुंभकरण की नींद सो रही है। इसको ठीक करने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहे हैं। हम मांग करते हैं की स्थानीय जनता उद्योगपति, कारोबारी एवं समस्त प्रतिनिधि मंडलों की सुरक्षा के लिए सरकार को एक स्थाई नीति बननी चाहिए। अपराधों को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों की फौज को बढ़ाते हुए बॉर्डर इलाके पर सतर्कता बड़ानी चाहिए।

उन्होंने कहा की पिछले कुछ हफ्तों में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) बेल्ट में गोलीबारी की कई घटनाएं सामने आई हैं। हथियारबंद बदमाश बिना किसी डर के उत्पात मचा रहे हैं और जबरन वसूली की गतिविधियों में लिप्त हैं। क्षेत्र में अवैध हथियारों की आसानी से उपलब्धता पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस अभियान नहीं चलाया गया है। इसपर सरकार को गौर करना चाहिए।

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