शिमला, सुरेंदर राणा: दक्षिण भारत की मंडियों में हिमाचली लहसुन की मांग फिर बढ़ने लगी है।दामों में भी 15 से 20 रुपये उछाल आ गया है। बताया जा रहा है कि इससे पहले अफगानिस्तान और इरान का लहसुन भारत की मंडियों में पहुंच रहा था, जो हिमाचली फसल को भी टक्कर दे रहा था। अब इसकी आमद घटते ही सूबे के लहसुन की मांग बढ़ गई है। ऐसे में फसल के दाम बढ़कर 150 से 160 रुपये प्रति किलो मिलने लगे हैं। पिछले लंबे समय से हिमाचल के लहसुन के दाम 130 से 140 रुपये तक स्थिर थे। बाजार में स्थिरता के चलते कई किसानों ने लहसुन का भंडारण शुरू कर दिया। अभी भी जिले में करोड़ों का लहसुन गोदामों में पड़ा है।,. nn
जिले के ट्रांसगिरि इलाके के नौहराधार, संगड़ाह, हरिपुरधार, शिलाई, सैनधार और धारटीधार के कुछ इलाकों में 20 से 25 टन लहसुन गोदामों में है। इस माह नई फसल की बिजाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा। इस बार किसानों के लिए लहसुन का कारोबार फायदे का सौदा रहा। पिछले साल के मुकाबले इस बार अच्छे दाम मिले हैं। बीते साल लहसुन के अधिकतम दाम 70 से 80 रुपये तक स्थिर बने रहे। इस बार शुरूआती दौर में ही हिमाचल का लहसुन मंडियों में खूब चमका। इसके बाद थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव जरूर रहा, लेकिन ए ग्रेड का लहसुन 110 रुपये से कम नहीं आया। नौहराधार के आढ़ती रविंद्र चौहान ने बताया कि हफ्तेभर से सिरमौर के लहसुन की मांग दक्षिण भारत की मंडियों में काफी बढ़ गई है। इस समय 150 से 160 रुपये दाम मिल रहे हैं।
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