हिमाचल विधानसभा में विपक्ष लाया स्थगन प्रस्ताव, स्वीकार न होने पर किया वॉक-आउट

शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के पांचवें दिन विपक्ष ने प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही सदन में नियम 67 के तहत आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने के मसले पर काम रोको प्रस्ताव लाया। इस मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक झोंक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के जवाब के बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने विपक्ष के प्रस्ताव को निरस्त किया। इसके बाद विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वॉकआउट कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोविड काल में नौकरी पर रखे गए कर्मचारियों को 30 सितम्बर को सेवाएं खत्म करने का नोटिस दे दिया गया है। यह सरकार पांच लाख नौकरियां देने के नाम पर सत्ता में आई लेकिन अब जो नौकरी लगे हैं उन्हें निकाला जा रहा है। दस हजार के करीब कर्मियों को इस सरकार ने हटा दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड काल के मुस्किल दौर में इन लोगों ने जान जोखिम में डालकर काम किया है। मार्च के बाद इन्हें सैलरी नही मिली है। सीएम सदन में झूठ बोल रहे हैं। सरकार को आउटसोर्स कर्मियों के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और इनकी सेवाओं को आगे लगातार जारी रखना चाहिए।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सदन में कहा कि छह महीने से सैलरी नहीं मिलने के विपक्ष आरोप झूठे है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लगे कर्मचारियों को पहले तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया। फिर दोबारा तीन महीने की सेवा विस्तार दिया। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी जरूरत के हिसाब से रखे जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून तक की आउटसोर्स कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिल चुकी है। 30 सितंबर तक इनकी एक्सटेंशन की फाइल भी मूव हो गई है। इसकी सैलरी भी जल्द दे देंगे। विपक्ष झूठ बोल रहा है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours