शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र में दूसरे दिन की कार्यवाही सचारु रूप से चली। प्रशंकाल के बाद आपदा पर नियम 102 के तहत चर्चा चल रही है। इस बीच सदन में सता पक्ष एवम विपक्ष के बीच सवाल जबाब का दौर चला। करुणा मूलक से लेकर संस्थान बन्द करने व ऊर्जा नीति को लेकर सदन में तीखी नोंक झोंक भी देखने को मिली। सत्र में पावंटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी की ओर से सवाल किया गया कि एक जनवरी से 31 अगस्त तक कितने नए हाइडल प्रोजेक्ट के एमओयू साइन किए गए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पूर्व की जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इनवेस्टर मीट के दौरान उर्जा के क्षेत्री में एमओयू साइन कर हिमाचल के हकों को बेच डाला है। जो एमओयू साइन हुए उससे भविष्य में आने वाली पीढ़ी को कुछ भी नहीं मिलने वाला था।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एसजेवीएनएल के साथ जो साइन किए, उसमें रॉयल्टी के क्लॉज को हटाया गया। सैंज, लूहरी व धौलासिद्ध, सुन्नी परियोजनाओं का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि 40 साल बाद जो प्रोजेक्ट हिमाचल को वापस मिलने की जो शर्त होती है उसे भी हटा दिया था। सीएम सुक्खू ने कहा कि ऊर्जा नीति में बदलाव कर प्रोजेक्ट लगने के शुरुआती 10 साल तक 4 प्रतिशत फ्री बिजली का प्रावधान किया। 10 स 25 साल तक 8 प्रतिशत फ्री बिजली मिलेगी। 25 से 40 साल तक 12 प्रतिशत फ्री पावर का प्रावधान किया।
जबकि संस्थान बन्द करने के विपक्ष के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली जय राम सरकार ने बिना सोचे समझे बिना स्टाफ़ व मूलभूत ढांचे के संस्थान खोल दिए। वर्तमान सरकार जरूरत के मुताबिक सभी प्रावधान करने के बाद संस्थान खोलेगी।
ऊर्जा नीति को लेकर मुख्यमंत्री के जुबानी हमले के जबाब में विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा की मुख्यमंत्री द्वारा सदन में प्रयोग की गई भाषा सही नही है। विपक्ष इसका जबाब देगा। भाजपा ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने हिमाचल के हितों को बेचा है। भाजपा को ठग कहने वाली कांग्रेस सरकार महाठग हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जो संस्थान खोले गए थे वह जनप्रतिनिधि की मांग पर खोले गए थे।जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसे कितने संस्थान हैं जो सरकार ने आपके समय में खोले थे वह शुरू नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कई संस्थान आठ-आठ महीनों से फक्शनल थे, अधिकारी उन कार्यालयों में बैठे थे। फिर उन्हें क्यों बंद करने की जरूरत पड़ी।
+ There are no comments
Add yours