पंजाब दस्तक, सुरेंद्र राणा: पंजाब के मंत्री ने पटियाला में एक नई पहल शुरू की है। सोमवार को समाना में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने किसानों को जागरूक किया और पराली न जलाने की शपथ दिलाई।
जौड़ामाजरा ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। कुछ पैसा बचाने के चक्कर में किसान पराली को खेतों में ही जला देते हैं। यह चलन गलत है, क्योंकि इससे खेतों की उपजाऊ शक्ति तो समाप्त होती ही है, साथ ही वातावरण भी दूषित होता है। इससे सांस संबंधी और अन्य बीमारियां फैलती हैं।
यही नहीं पराली के धुएं से सड़क हादसे भी बढ़ जाते हैं। इन हादसों में मासूम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। ऐसे में किसानों को पराली को आग लगाने से तौबा कर लेनी चाहिए। इसके बजाय किसानों को पराली के प्रबंधन के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने किसानों से कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की पराली प्रबंधन की तकनीक को अपना कर इस समस्या का हल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अब तो पराली का इस्तेमाल ईंधन के रूप में उद्योग इस्तेमाल कर रहे हैं। समाना क्षेत्र में पराली को खेतों से इकट्ठा करने वाले यूनिट मौजूद हैं। इस मौके पर मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी गुरनाम सिंह ने किसानों को सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी स्कीमों के बारे में जानकारी दी।
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