शिमला, सुरेंद्र राणा: विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर 20 सितंबर से ट्रेन चलाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। करीब 67 दिन बाद रविवार को मालगाड़ी सलोगड़ा पहुंची। मालगाड़ी के जरिये ट्रैक क्लीयरेंस को लेकर कालका से सलोगड़ा तक ट्रायल भी किया गया। बताया जा रहा है कि यह ट्रायल पूरी तरह सफल रहा है। अब सोमवार को स्पेशल ट्रेन भी कालका से सोलन की ओर आएगी।
इस ट्रेन में तकनीकी और कई बड़े अधिकारियों की टीम भी होगी। यह टीम ट्रैक का मुआयना कर अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौपेंगी। इसके बाद 20 से कुछ ट्रेनें कालका से सलोगड़ा रेलवे स्टेशन तक चलाई जाएंगी। नैरोगेज रेललाइन पर इससे पहले रेलगाड़ियों का संचालन पहले चरण में कालका से कोटी तक किया गया था। अब दूसरे चरण में ट्रेन चलाने के लिए ट्रायल शुरू हो गया है।
जुलाई में विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक में कालका से सोलन के बीच काफी नुकसान हुआ। कई जगहों पर ट्रैक में लगे डंगे टूट गए। जबकि कई जगहों में ट्रैक पर अधिक मात्रा में मलबा और पत्थर आने के कारण क्षतिग्रस्त हुआ। इसी के साथ कई टकसाल से धर्मपुर रेलवे स्टेशन के बीच भी कई जगह लाइन के नीचे बने नाले टूट गए थे। इससे यहां पर ट्रैक हवा में लटक गया था। समरहिल रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक हवा में लटक गया।
इसके बाद से पूरी तरह से ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई थी। अब रेलवे बोर्ड की टीम की ओर से सलोगड़ा तक ट्रैक लगभग ठीक कर दिया है। अब तीसरे चरण में युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया है। बारिश के बाद ट्रैक को हुए नुकसान का जायजा पहले भी डीआरएम अंबाला ले चुके है। अब सोलन तक ट्रैक ठीक होने के बाद फिर ट्रैक का मुआयना करेंगे। इस दौरान सोलन तक स्पेशल ट्रेन में आएंंगे। इसके बाद वह शिमला तक सड़क से जाएंगे। हालांकि इस प्लान बदलाव हो सकता है।
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