देश: एक देश एक चुनाव पर बहस के बीच, केंद्र सरकार ने आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस विषय पर अपना सुझाव देगी और फिर इस पर चर्चा की जाएगी। उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपी गई है। आइये जानते हैं समिति में किन चेहरों को शामिल किया गया है और क्यों?
पहले जानते हैं सरकार का फैसला क्या है?
शनिवार को एक देश एक चुनाव पर केंद्र सरकार ने आठ सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। कानून मंत्रालय ने इसे लेकर एक अधिसूचना भी जारी की। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय हित में देश में एक साथ चुनाव कराना वांछनीय है। ऐसे में भारत सरकार एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे की जांच करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन करती है।
कानून मंत्रालय के मुताबिक, इस समिति का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। साथ ही इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी सदस्य के रूप में होंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आमंत्रित अतिथि के रूप में बैठक में हिस्सा लेंगे। कानूनी मामलों के विभाग के सचिव नितेन चन्द्र उच्च स्तरीय समिति के सचिव के रूप में जिम्मेदारी निभाएंगे।
अब जानते हैं गैर सियासी चेहरों के बारे में
डॉ. सुभाष सी. कश्यप: 1929 में जन्मे डॉ. सुभाष सी. कश्यप सातवीं, आठवीं और नवमीं लोकसभा में लोकसभा सचिवालय के महासचिव रह चुके हैं। ये जिम्मेदारियां उन्होंने 1984 से 1990 के बीच संभाली थीं। वह देश के जाने-माने राजनैतिक विज्ञानी और संविधान विशेषज्ञ हैं। डॉ. कश्यप की संवैधानिक कानून विशेषज्ञ और प्रख्यात विद्वान के रूप में पहचान है।
उन्होंने 1983 तक जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दस्तावेजीकरण केंद्र, आईपीयू का भी नेतृत्व किया। वह पंचायती राज कानूनों और संस्थानों पर भारत सरकार के मानद संवैधानिक सलाहकार थे। डॉ. कश्यप संविधान के कामकाज की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय आयोग के सदस्य और इसकी मसौदा और संपादकीय समिति के अध्यक्ष भी थे।
एनके सिंह
एनके सिंह: एनके सिंह का पूरा नाम नंद किशोर सिंह है। एनके सिंह एक अर्थशास्त्री और पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। वह 2008 से 2014 तक बिहार से राज्यसभा सांसद रहे। सिंह योजना आयोग के सदस्य रहे हैं और केंद्रीय व्यय और राजस्व विभाग में सचिव का कार्यभार भी संभाला है। वह प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के विशेष कर्तव्य अधिकारी भी रह चुके हैं। नवंबर 2017 को मोदी सरकार ने उन्हें भारत के पंद्रहवें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया।
हरीश साल्वे
हरीश साल्वे: हरीश साल्वे देश के जाने-माने वरिष्ठ वकील हैं। फिलहाल वह सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने1999 से 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में कुलभूषण जाधव का मामला भी लड़ा। जनवरी 2020 को उन्हें इंग्लैंड और वेल्स की अदालतों के लिए महारानी के वकील के रूप में नियुक्त किया गया था।
संजय कोठारी
संजय कोठारी: संजय कोठारी केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के आयुक्त के तौर पर काम कर चुके हैं। हरियाणा कैडर के 1978 बैच के आईएएस अधिकारी कोठारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव पद से जून 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें नवंबर 2016 में लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) का प्रमुख नियुक्त किया गया था। कोठारी को जुलाई 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सचिव पद पर नामित किया गया था। 2019 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान सभी मंत्रियों को शपथ के लिए आमंत्रित करने वाले अधिकारी संजय कोठारी ही थे।
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