शिमला, सुरेंद्र राणा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार द्वारा सरदार पटेल विश्वविद्यालय का दायरा घटाने के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला लिया है। एबीवीपी का कहना है कि यह शिक्षा के प्रति वर्तमान सरकार की नकारात्मक सोच को दर्शाता है और विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
एबीवीपी के प्रांत मंत्री आकाश नेगी ने बताया कि सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के अंतर्गत प्रदेश के पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू एवं लाहौल स्पीति के 141 के करीब महाविद्यालय आते हैं। हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 22 अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में सरदार पटेल विश्वविद्यालय के दायरा घटाने को ले कर प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
मंडी विश्विद्यालय अब केवल तीन जिलों मंडी, लाहौल-स्पीति और कुल्लू (आनी, निरमंड के छोड़कर) के कॉलेजों तक ही सीमित रह जायेगा। प्रदेश की सरकार अपने बदले की राजनीति करने से पीछे नहीं हट रही हैं।
छात्रहितो को अनदेखा करना सरकार का काम बन गया है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश इस फैसले की कड़ी निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि छात्रविरोधी फैसले को तुरंत वापस लिया जाए नही तो विद्यार्थी परिषद प्रदेश के केवल छात्र ही नहीं अपितु उनके अभिभावकों को भी साथ ले कर के इस निर्णय के खिलाफ सड़कों पर नजर आएंगे और इसका खामियाजा हिमाचल प्रदेश की सरकार को झेलना पड़ेगा।
इसके खिलाफ प्रदेश के प्रत्येक महाविद्यालय में ABVP 4 सितंबर हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। 8 सितंबर को धरने प्रदर्शन किए जाएंगे तो 11 सितंबर 24 घंटे की भूख हड़ताल की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द फैसले को वापिस ले अन्यथा इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे।
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