शिमला, सुरेंद्र राणा: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मानसून सीजन के दौरान अब तक 800 से ज्यादा पेड़ ढह चुके हैं। इनसे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। चिंता की बात यह है कि वन विभाग के पास 500 से ज्यादा खतरनाक पेड़ों को काटने के आवेदन और आ चुके हैं। पेड़ ढहने और भूस्खलन के चलते शिमला शहर में 50 से ज्यादा मकानों को खाली करवाया जा चुका है। करीब एक दर्जन मकान ढह चुके हैं।
कृष्णानगर, अनाडेल, समिट्री, फागली, नाभा, समरहिल, पंथाघाटी और विकासनगर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। शहर में 80 से ज्यादा गाड़ियां चकनाचूर हो चुकी हैं। सर्कुलर रोड समेत नगर निगम की ज्यादातर संपर्क सड़कें टूट गई हैं। कई जगह लंबी-लंबी दरारें पड़ने से इनके ढहने का खतरा पैदा हो गया है। अकेले नगर निगम को ही शहर में 50 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इस मानसून सीजन में राजधानी में अब तक 32 लोगों की जान जा चुकी है।
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