शिमला, सुरेंद्र राणा: मानसून की तबाही के बाद अब विभाग नींद से जाग गया है। जो काम निर्माण से पहले होना चाहिए था अब वो कार्यवाही की बात कही जा रही है। हिमाचल में अवैध निर्माण करने वाले भवन मालिकों पर कार्रवाई होगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की ओर से अवैध निर्माण करने वाले भवन मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अवैध निर्माण न हटाया तो बिजली और पानी के कनेक्शन भी काटे जा सकते हैं। प्राकृतिक आपदा के चलते सैकड़ों भवन ढह गए हैं। इससे सबक लेते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने सख्ती की है। जिन लोगों के पूरे नियमों के अनुसार नक्शे पास हैं, उनको भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
बता दें कि पूरे प्रदेश में करीब 20,000 ऐसे लोग हैं जिन्होंने नियमों के तहत निर्माण नहीं किया है। प्रदेश सरकार का मानना है कि लोग बिना नक्शे के भवनों का निर्माण कर रहे हैं।
इसमें न तो इंजीनियरों की सलाह ली जा रही है और न ही अच्छी निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में भवनों के गिरने की संभावना रहती है। नियमों के तहत भी मंजिलों का निर्माण नहीं किया जा रहा है। विभाग के पास हर रोज दर्जनों शिकायतें आ रही हैं। विभाग की ओर से भवन मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने नगर निगम और नगर परिषद को भी निर्देश दिए हैं कि वह अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आएं। बारिश के पानी की निकासी भी सही तरीके से होनी चाहिए। लोगों के घरों की छतों का पानी दूसरे मकानों व नींव पर गिर रहा है। इससे मकान को खतरा होने की आशंका रहती है।
प्रधान सचिव टीसीपी देवेश कुमार ने कहा कि अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। वहीं टीसीपी निदेशक केके सरोज ने बताया कि नक्शा पास होने के बाद ही भवनों का निर्माण किया जाता है। अवैध निर्माण करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
शहरों में पैसों की अंधी दौड़ में नियमों को रसूख के चलते ताक पर रखकर निर्माण किया जाता है। इस लापरवाही को प्रकृति ने इस बार धराशाई कर दिया है। विभागों को अब जागने की जरूरत है और हकीकत में बिना किसी भेदभाव के नियमो के तहत हो रहे निर्माण को अनुमति देनी होगी ताकि हर साल आने वाली बरसात फिर तबाही की ऐसी ही तस्वीर लेकर न आए।
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