शिमला, सुरेंद्र राणा:स्वतंत्रता दिवस का राज्य स्तरीय समारोह मंगलवार को ऐतिहासिक रिज मैदान शिमला में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स एंड गाइड की टुकड़ियां शामिल हुईं, जिसका नेतृत्व पुलिस उप अधीक्षक प्रणव चौहान ने किया।
भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बीच प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम सादगी के साथ आयोजित किए गए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए।
सुक्खू ने कहा कि प्रभावित परिवारों के लिए यह मुश्किल की घड़ी है, लेकिन राज्य सरकार प्रदेश के लोगों के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के घाव पैसे से नहीं भरे जा सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार एक-एक पैसा जोड़कर सभी प्रभावितों का घर बसाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार एकजुटता के साथ हिमाचल को संकट से निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रासदी को देखते हुए इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम रस्मी रूप से मनाए जा रहे हैं।
यह पिछले 50 साल की सबसे बड़ी आपदा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से भारी तबाही हो रही है तथा यह पिछले 50 साल की सबसे बड़ी आपदा है। जगह-जगह घर और सड़कें टूट रही हैं। किसानों के खेत व फसलें तबाह हो रही हैं और पूरे प्रदेश में आपदा से भारी नुकसान हो रहा है। इस त्रासदी का हिमाचल प्रदेश के सभी लोग बड़ी मजबूती के साथ सामना कर रहे हैं।
सीएम ने की ये बड़ी घोषणाएं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाली सम्मान राशि को 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। जिन स्वतंत्रता सेनानियों की मृत्यु हो चुकी है, उनकी पत्नियों को प्रदेश सरकार की ओर से दी जा रही सम्मान राशि को भी 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। उन्होंने शत्रु सेना के विरुद्ध सैन्य अभियान के दौरान युद्ध के दौरान शहीद होने अथवा घायल या गुम होने वाले सैनिकों के आश्रितों को प्रदेश सरकार द्वारा अनुग्रह अनुदान राशि में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की घोषणा की। युद्ध या युद्ध जैसी परिस्थितियों में शहीद सैनिक के आश्रितों को 20 लाख रुपये के स्थान पर अब 30 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नॉन ऑपरेशनल क्षेत्रों में अथवा ऐसे ऑपरेशनल क्षेत्रों जहां युद्ध न हो, में शहीद होने वाले सैनिक के आश्रितों को पांच लाख रुपये के स्थान पर अब 7 लाख 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सैन्य अभियान के दौरान 50 प्रतिशत से अधिक अपंगता वाले सैनिकों को 3.75 लाख रुपये तथा 50 प्रतिशत से कम की अपंगता वाले सैनिकों को 1.50 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
विधवा पुनर्विवाह योजना में सहायता राशि दो लाख, मनरेगा दिहाड़ी बढ़ाने की घोषणा
विधवा पुनर्विवाह योजना के अंतर्गत दी जानी वाली सहायता राशि को 65 हजार रुपये को बढ़ाकर दो लाख रुपये करने की घोषणा भी की। उन्होंने मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी को सामान्य क्षेत्र में 224 से 240 रुपये तथा जनजातीय क्षेत्र में 280 से 294 रुपये करने की घोषणा की। इस घोषणा से मनरेगा में काम करने वाले नौ लाख परिवार लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पूरक पोषण के रूप में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं तथा 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों व कुपोषित बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मातृ शिशु संकल्प योजना, सेब के समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी मातृ शिशु संकल्प योजना को आरंभ करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों में शिशु और माता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा में बागवानों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसे उन्होंने स्वयं देखा है। उन्होंने सेब, आम और लीची फलों के लिए मंडी मध्यस्थता योजना के तहत वर्ष 2023 में बढ़ाेतरी की घोषणा की। उन्होंने सेब के समर्थन मूल्य में डेढ़ रुपये की बढ़ाेतरी कर इसे 10.50 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये करने की भी घोषणा की।
हिमाचल को केंद्र से आर्थिक मदद की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पंचायत स्तर तक सभी संपर्क मार्गों को खोलने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई है और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समयबद्ध सभी सड़कों को खोला जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे से राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है। आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हिमाचल को राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद व्यक्त की कि जल्द ही केंद्र सरकार प्रदेश को अंतरिम राहत की पहली किस्त जारी करेगी।
सरकार ने राहत का एक विशेष पैकेज घोषित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष जुलाई माह में आपदा के दौरान गंभीर संकट की स्थिति को देखते हुए सरकार ने राहत का एक विशेष पैकेज घोषित किया है। इससे पूर्व घर को आंशिक नुकसान होने पर 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती थी। लेकिन राज्य सरकार ने इस सहायता राशि को दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि दुकानों और ढाबों को नुकसान होने पर, सामान के एवज में, पहले सिर्फ 10 हजार रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। किरायेदार के सामान को नुकसान होने पर, पहले 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती थी जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कृषि और बागवानी भूमि में सिल्ट आने पर पहले लगभग 1400 रूपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर 5 हजार रुपये प्रति बीघा किया गया है।
उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी योग्य भूमि को नुकसान पर, पहले 3 हजार 600 रूपये प्रति बीघा की आर्थिक सहायता दी जाती थी, जिसे राज्य सरकार ने 10 हजार रुपये प्रति बीघा कर दिया है। उन्होंने कहा कि आपदा में गाय-भैंस की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे को 37.50 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त भेड़ और बकरी की मौत पर मिलने वाली चार हजार रुपये की मदद को बढ़ाकर छह हजार रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के मंत्री, विधायक और प्रशासन आम जनता को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए मौके पर पहुंच रहे हैं और प्रदेश सरकार विशेष पैकेज के तहत प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रूपये खर्च कर रही है।
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